लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को उत्तर प्रदेश में बाढ़ बिगड़ती और लगातार हो रही बारिश से जगह जगह टूटी सड़कों को लेकर स्थित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर हमला बोला। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि भाजपा का कुकर्म, धर्म में भी अधर्म! महाकुंभ में प्रयागराज में हजारों करोड़ों की लागत से बनी सड़कों का हाल देखिए, भाजपाई भ्रष्टाचार का कमाल देखिए। दरअसल इस भाजपाई महाभ्रष्टाचार की बंदरबांट को समझने के लिए विशेष ‘भाजपाई करप्शन क्रोनोलॉजी’ (BCC) समझनी होगी:
- पहले महाकमीशन लेकर ‘प्रधान ठेका’ दिया जाता है,
- फिर बड़ा कमीशन लेकर ‘मुख्य ठेका’ दिया जाता है,
- फिर मोटा कमीशन लेकर ‘उप ठेका’ दिया जाता है,
- और उसके बाद भाजपाई सांसद जी का कमीशन का खेला चलता है,
- उसके बाद विधायक जी का…इसीलिए भाजपा राज में सड़के धंस रही हैं, पुल गिर रहे हैं, छते टपक रही हैं, पानी की टंकियां धराशायी हो रही हैं। भाजपा सरकार नहीं; भ्रष्टाचार का सहकार है।
जब भाजपा सुपर वीवीआईपी' रैली कर सकतीबाढ़ में राहत-बचाव का काम क्यों नहीं?
उन्होंने अपने दूसरे पोस्ट में कहा कि ‘‘उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार जब बड़े-बड़े लोगों की ‘सुपर वीवीआईपी' रैली या सभा का आयोजन कर सकती है तो बाढ़ में राहत-बचाव का काम क्यों नही कर रही है? भाजपा सरकार एक भ्रष्ट और नाकाम सरकार साबित हुई है।'' आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, रविवार तक उत्तर प्रदेश में 37 तहसीलों के 402 गांव बाढ़ की चपेट में हैं, जिससे 84,392 लोग प्रभावित हुए हैं।
17 जिले बाढ़ से प्रभावित
कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, आगरा, औरैया, चित्रकूट, बलिया, बांदा, गाजीपुर, मिर्जापुर, प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, जालौन, कानपुर देहात, हमीरपुर, इटावा और फतेहपुर सहित 17 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
अमानवीय हालातों में रहने पर मजबूर लोग
यादव ने कहा, ‘‘प्रयागराज ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश में बाढ़ की वजह से भयावह स्थिति है। भोजन और पीने के पानी की किल्लत चरम पर है। शौचालय की समस्या की वजह से लोग अशोभनीय-अमानवीय हालातों में रहने पर मजबूर हैं।'' उन्होंने दावा किया कि चिकित्सा सेवाएं चरमरा जाने के कारण बीमार बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को दवा-इलाज नहीं मिल पा रहा है। स्वास्थ्य-चिकित्सा सेवाएं ठप्प हैं। यादव ने कहा, ‘‘चूहों और विषैले जीव-जंतुओं का डर लोगों को सोने नहीं दे रहा है। बिजली की समस्या और करंट का डर अलग से है। ऊपरी मंजिलों पर रहने के लिए मजबूर लोगों के बीच घर के धंसने का भी भय है। लोगों के घरों के सामान डूब गये हैं। लोगों के पास पहनने को कपड़े नहीं है। जो पहने हैं वो भी भीग गये हैं। लोगों के मोबाइल चार्ज नहीं हो पा रहे हैं, जिससे लोगों के बीच संवाद नहीं हो पा रहा है।
गरीब-मजदूर भुखमरी की कगार पर
पूर्व मुख्यमंत्री ने कमजोर वर्गों की दुर्दशा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गरीब-मजदूर भुखमरी की कगार पर आ गये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘किसानों की खेती-जमीन पर पानी फिर गया है। दुकानों को अरबों रुपयों का नुकसान हो गया है। लोगों के पहचानपत्र, राशनकार्ड, जमीन-जायदाद के कागज, बैंक की पास बुक, शैक्षिक प्रमाणपत्र, बीमारी के पर्चे व अन्य जरूरी कागजात या तो भीगकर बर्बाद हो गये हैं या फिर बह गये हैं। लोगों के गाड़ी-वाहन डूब गये हैं।'
गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पार
यादव ने बच्चों की शिक्षा में व्यवधान और अंतिम संस्कार न कर पाने पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘‘बच्चों की शिक्षा का हनन हो रहा है। जिन लोगों का निधन हो रहा है उनके अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहे हैं।'' सोमवार सुबह वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया, जिससे घाट जलमग्न हो गए और अधिकारियों को दाह संस्कार एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठानों को छतों और ऊंचे चबूतरों पर कराना पड़ा। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, सोमवार सुबह तक गंगा नदी 72.1 मीटर पर बह रही थी, जो खतरे के निशान 71.262 मीटर से ऊपर है। उन्होंने कहा कि ‘नदी के किनारे, नाव के सहारे' जीवन जीनेवाले समाज के बीच जीविकोपार्जन का गहरा संकट आ गया है लेकिन उनकी दिक्कत सुनने-समझनेवाला भाजपा सरकार या उनके सहयोगी दलों में कोई भी नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि इन हालातों में जनता बेहद आक्रोशित है क्योंकि प्रशासन नदारद है तथा ‘‘भ्रष्ट और विफल'' शासन ‘‘आत्म प्रचार की आपसी होड़ में घूम-घूम के फोटो खिंचवाने में व्यस्त'' है। सपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ऐसे में भाजपा सरकार से हमारी ये एक बड़ी मांग है कि वह उपरोक्त बिंदुओं के संबंध में सिलसिलेवार जवाब प्रकाशित करे। जनता भय और आशंका के माहौल में कब तक रहने पर मजबूर होगी। विकास और ‘स्मार्टसिटी' के दावों के बीच विनाश की तस्वीरें दिल दहला देनेवाली हैं। भाजपा जाए तो चैन आए! बाढ़ग्रस्त्र कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!'