Edited By Ramkesh,Updated: 29 May, 2024 05:54 PM
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समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा को बुधवार को रामपुर जिला जेल से रिहा कर दिया गया। उन्हें पिछले हफ्ते उच्च न्यायालय से जमानत मिल मिल गई थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 24 मई को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम...
रामपुर: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा को बुधवार को रामपुर जिला जेल से रिहा कर दिया गया। उन्हें पिछले हफ्ते उच्च न्यायालय से जमानत मिल मिल गई थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 24 मई को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान, उनकी पत्नी फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम खान को जमानत दे दी थी। परिवार के तीन सदस्यों को रामपुर की एक अदालत ने जालसाजी के जुर्म में दोषी ठहराया था। वहीं छह महीने 11 दिन जेल में रहने के बाद बाहर आईं फातिमा ने पत्रकारों से कहा,'' नाइंसाफी की हार हुई है और अदालत में इंसाफ जिंदा है और इंसाफ मिला है।”
आप को बात दें कि उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद आजम खान और अब्दुल्ला आजम को सलाखों के पीछे ही रहना होगा क्योंकि उनके खिलाफ कई अन्य मामले चल रहे हैं। स्थानीय अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद फातिमा पिछले वर्ष 28 अक्टूबर से जेल में थीं। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, यह मामला तीन जनवरी 2019 का है। रामपुर के निवासी और मौजूदा समय में रामपुर से भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने अब्दुल्ला आजम खान के लिए दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के आरोप में आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया था। इसके बाद सत्र अदालत ने 18 अक्टूबर 2023 को इस मामले में तीनों को सात-सात साल के कारावास की सजा सुनाई थी।
गौरतलब है कि बीएसपी नेता नवाब काजिम अली खान ने अब्दुल्ला की उम्र को लेकर हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला की उम्र विधायकी चुनाव लड़ने की नहीं है। रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से अब्दुल्ला आजम ने जब विधानसभा का चुनाव लड़ा था तो शफीक अंसारी उनके प्रस्तावक थे। शैक्षिक प्रमाण पत्रों में अब्दुल्ला की जन्म तिथि 1 जनवरी 1993 है जबकि उनके बर्थ सर्टिफिकेट में 30 सितंबर 1990 थी। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए अब्दुल्ला की ओर से पेश किए गए जन्म प्रमाण पत्र को फर्जी पाया था और स्वार सीट से उनका चुनाव रद्द कर दिया था। कोर्ट ने पाया था कि साल 2017 में चुनाव लड़ने के दौरान अब्दुल्ला की उम्र 25 साल से कम थी।
वहीं, 2019 में रामपुर से बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने गंज थाने में आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो जन्म प्रमाणपत्र होने का मामला दर्ज कराया। इसमें आजम खान और उनकी पत्नी तंजीन फातिमा को भी आरोपी बनाया गया था। रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने पिछले साल आजम खान, अब्दुल्ला आजम और तंजीन फातिमा को दोषी पाया और तीनों को 7-7 साल की सजा सुनाई थी।