सपा की सभी कार्यकारिणी भंग करने बाद अखिलेश ने इस दिग्गज नेता को सौंपी नई टीम गठन की जिम्मेदारी

Edited By Ajay kumar,Updated: 03 Jul, 2022 04:31 PM

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लोकसभा उपचुनाव में करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बड़ा एक्शन लिया है। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को छोड़कर अन्य सभी कार्यकारिणी भंग कर दी है।

लखनऊः लोकसभा उपचुनाव में करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बड़ा एक्शन लिया है। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को छोड़कर अन्य सभी कार्यकारिणी भंग कर दी है।अखिलेश यादव ने रविवार काे राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राज्य कार्यकारिणी के साथ ही लोहिया वाहिनी, छात्र सभा, यूथ ब्रिगेड सहित अन्य सभी फ्रंटल संगठनों की राष्ट्रीय व प्रदेश कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। माना जा रहा है कि पार्टी कार्यपरिषद के सम्मेलन के बाद नए सिरे से कार्यकारिणी का गठन करेगी। पार्टी का राष्ट्रीय सम्मेलन अगस्त के अंतिम सप्ताह अथवा सितंबर में होगा।

पहले ही जताई जा रही थी कार्यकारिणी भंग करने की संभावना
मालूम हो कि विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से ही कार्यकारिणी भंग करने की संभावना जताई जा रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को सपा कार्यकारिणी और सभी फ्रंटल संगठनों को भंग कर दिया है। इसमें राष्ट्रीय के साथ प्रादेशिक इकाई के अलावा लोहिया वाहिनी, छात्र सभा, यूथ ब्रिगेड शामिल है। सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम अपने पद पर बहाल हैं।

विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद दो बार विधायकों और सांसदों की बैठक
अखिलेश यादव ने आजमगढ़ और रामपुर में हुए लोकसभा उप-चुनाव में मिली करार हार के 8वें दिन लिया है। इतना ही नहीं 2022 विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद अखिलेश यादव ने दो बार विधायकों और सांसदों की बैठक बुला चुके हैं। बीते 24 जून को प्रदेश के सभी पदाधिकारियों की समीक्षा बैठक मंडलवार की थी। समीक्षा बैठक के दौरान कई नए पदाधिकारी बनने के लिए प्रस्ताव आए थे। इस पर अखिलेश यादव ने पदाधिकारियों को आने वाली कमेटी में शामिल किए जाने तक इंतजार करने के लिए कहा भी था।

नरेश उत्तम को मिली नई टीम के गठन की जिम्मेदारी 
अखिलेश यादव ने प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम को नई टीम के गठन की जिम्मेदारी दी है। साथ ही उन्होंने रामपुर और आजमगढ़ चुनाव में मिली हार के लिए दोनों जिला अध्यक्षों से समीक्षा रिपोर्ट मांगी थी। बता दें कि नरेश उत्तम अखिलेश के सबसे खास और करीबी नेताओं में शुमार हैं। जो अखिलेश के साथ पार्टी की सभी गतिविधियों में शामिल रहते हैं।  यही कारण है कि बड़ी कार्यवाई के बाद भी सपा मुखिया ने उनपर फिर से भरोसा जताया है। 

मुलाय़म सिंह यादव के बेहद करीबी रहे नरेश उत्तम
फतेहपुर जिले के जहानाबाद इलाके के लहुरी गांव के रहने वाले नरेश उत्तम की शुरू से ही राजनीति में दिलचस्पी रही। कुर्मी बिरादरी से आने वाले उत्तम शुरूआती शिक्षा अपने गांव के ही विद्लाय से ली। बाद में उन्होने कानपुर विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई की। मुलायम सिंह जिन दिनों अपनी राजनीतिक उभार के लिए संघर्ष कर रहे थे। उसी दौरान 1980 में नरेश मुलायम के संपर्क में आये। मुलायम के संपर्क में आने के बाद वो सक्रिय राजनीति में आ गये। शालीन व्यवहार संगठन में समय देने और कुशल रणनीतिकार कहे जाने वाले नरेश को पार्टी संगठन और कैडर जोड़ने में भी मुलायम सिंह ने हमेशा साथ रखा। 1989 में पहली बार नरेश उत्तम जनता दल प्रत्‍याशी के रूप में जहानाबाद से विधायक चुने गए थे। 1989 से 1991 के बीच मुलायम सिंह की पहली सरकार में वे मंत्री थे। 1993 में मुलायम के दूसरे कार्यकाल में दौरान उन्‍हें यूपी पिछड़ा आयोग का सदस्‍य बनाया गया और मंत्री पद दिया गया। 2006 और 2012 में भी वे एमएलसी थे।

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