आगरा से अगवा अधिवक्ता का इटावा में मिला शव, संपत्ति को लेकर ससुरालीजनों से था विवाद

Edited By Umakant yadav,Updated: 30 Oct, 2020 02:55 PM

advocate kidnapped from agra found in etawah dispute over property with in laws

उत्तर प्रदेश के आगरा से अगवा किए गए अधिवक्ता की इटावा जिले के भरथना क्षेत्र में हत्या कर दी गई। 27 अक्टूबर को उनका शव नहर में पड़ा मिला। हरकत में आई पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि मृतक...

आगरा/इटावा: उत्तर प्रदेश के आगरा के चर्चित भूमि घोटाले जोंस मिल कंपाउंड की वारिस मौरिन जोन के अधिवक्ता कपिल पवार यश का अपहरण करने के बाद उसकी हत्या कर दी। शव को इटावा के भर्थना इलाके की मल्हौली नहर मे फेंक दिया।

पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) ओमवीर सिंह ने शुक्रवार को यहां बताया कि गत 27 अक्टूबर को भर्थना इलाके के मल्हौसी नहर से मिले शव की शिनाख्त आगरा के अधिवक्ता कपिल पवांर के रूप में हुई है। पुलिस के साथ कपिल के दो भाई भी पहचान करने के लिए पहुचे थे। उन्होंने बताया कि अधिवक्ता कपिल पवार जीवनी मंडी स्थित जोंस मिल परिसर में ही एक आवास में रहते थे। 26 अक्तूबर की शाम को अपनी कार समेत लापता हुए थे। 27 अक्टूबर को उनकी मां ने छत्ता थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। छत्ता पुलिस ने बाद में गुमशुदगी को अपहरण के मुकदमे में बदल दिया। 

सिंह ने बताया कि आगरा में अधिवक्ता की तलाश के लिए सात टीमें लगाई गईं। जीवनी मंडी के सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए। पुलिस ने यमुना एक्सप्रेस वे, लखनऊ एक्सप्रेस वे, खंदौली और टूंडला टोल के सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले लेकिन कोई सुराग नही मिल सका। उधर इटावा की भरथना के मल्हौसी नहर पुल के नीचे 27 अक्टूबर की सुबह मिले शव की शिनाख्त अधिवक्ता कपिल पवार के तौर पर की।        उन्होंने बताया कि अधिवक्ता की पत्नी ममता पवार पुलिस निरीक्षक रही है। जिनका वर्ष 2019 मे हार्ट अटैक से निधन हो गया था। उनके परिवार में उनकी आठ साल की बेटी है। उसके बयान के आधार पर पुलिस ने आसपास लोगों को हिरासत मे लिया हुआ है। अधिवक्ता हत्याकांड से जुडे हुए तथ्यों को उजागर करने का प्रयास किया जा रहा है। जानकारी मुताबिक अधिवक्ता दिवंगत पत्नी की संपंत्ति को अपने नाम करा रहे थे और ससुरालीजन इसका विरोध कर रहे थे। पुलिस ने आंशका जताई गई है कि अधिवक्ता कपिल की हत्या सुपारी देकर उनके ही नजदीकी रिश्तेदारों ने कराई है। आगरा से शव को लाकर इटावा के भर्थना तक लाने और फेकें जाने पर भी सवाल उठ रहे हैं।       

जोंस मिल की आखिरी वारिस मौरिन जोन के अधिवक्ता थे। जोंस मिल प्रकरण के जमीन संबंधी सभी विवादों में वह उनकी ओर से ठोस पैरवी कर रहे थे। जोंस मिल की अरबों की संपत्ति को लेकर मुकदमेबाजी चल रही है। 19 जुलाई को वहां बम धमाका भी हुआ था। मालिक न होते हुए भी भू-माफिया कई जमीनों के सौदे कर चुके हैं। इसमें शहर के कई प्रमुख लोगों के नाम भी सामने आए थे। पुलिस इस एंगल को भी देख रही है। आगरा जिले के छत्ता थाने से सब इंस्पेक्टर योगेश कुमार के साथ दोनो भाईयो ने अपने भाई की हत्या को लेकर बहुत कुछ स्पष्ट नहीं किया है। सिंह ने बताया कि वकील के अपहरण का मामला दर्ज है। इसलिए अब अपहरण और हत्या से जुड़ी हुई सारी विवेचना आगरा पुलिस ही करेगी। 

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