Edited By Pooja Gill,Updated: 09 Aug, 2025 10:34 AM

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की उत्तर प्रदेश ईकाई ने राज्य में अगले साल होने वाले पंचायत चुनावों और उसके बाद 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले चुनावी तैयारियों को अमली जामा पहनाने की कवायद शुरू कर दी है...
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की उत्तर प्रदेश ईकाई ने राज्य में अगले साल होने वाले पंचायत चुनावों और उसके बाद 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले चुनावी तैयारियों को अमली जामा पहनाने की कवायद शुरू कर दी है। बीजेपी के सूत्रों की माने तो संगठन के प्रदेश नेतृत्व ने इन अहम चुनावों से पहले राज्य में 16 लाख से ज़्यादा युवाओं को पार्टी से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। भाजयुमो के एक पदाधिकारी ने बताया कि, पार्टी ने यह काम पार्टी की भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) को यह जिम्मेदारी सौंपी है। इसके तहत 18 से 30 वर्ष की आयु के युवा मतदाताओं तक पहुंचेगी।
‘एक बूथ-दस युवा' के फॉर्मूले के तहत करेगी काम
मोर्चा कार्यकर्ताओं को युवाओं को पार्टी की नीतियों और एजेंडे के बारे में समझाने और उन्हें संभावित कार्यकर्ताओं में बदलने के लिए कहा गया है। सूत्रों की मानें तो इस योजना को ‘एक बूथ-दस युवा' के फॉर्मूले के तहत क्रियान्वित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। उत्तर प्रदेश में लगभग 1.65 लाख मतदान केंद्र होने के कारण नए कार्यकर्ताओं की संख्या में संभावित रूप से कम से कम 16 लाख की वृद्धि हो सकती है। उन्होंने कहा, 'योजना का औपचारिक खाका अगले कुछ दिनों में तैयार किया जाएगा।'
यह रणनीति बूथ-स्तरीय सूक्ष्म प्रबंधन का ही एक हिस्सा
हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में हुई एक संगठनात्मक बैठक में, पार्टी नेतृत्व ने हर बूथ पर कम से कम 100 युवाओं और हर विधानसभा सीट पर लगभग 15,000 युवाओं को शामिल करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। पार्टी के रणनीतिकारों के अनुसार, पार्टी की यह रणनीति बूथ-स्तरीय सूक्ष्म प्रबंधन का ही एक हिस्सा है। 18-30 आयु वर्ग पर ध्यान केंद्रित करने का मतलब है पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं और उन लोगों तक पहुं बनाना जिनकी अभी तक कोई मजबूत राजनीतिक निष्ठा नहीं है।
'एक राष्ट्र एक चुनाव' के लिए किया जाएगा प्रेरित
भाजयुमो के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि,' फ्रंट विंग को कॉलेज के छात्रों और भाजपा समर्थक युवा पेशेवरों को शामिल करने के लिए कहा गया था। अभियान का उद्देश्य मूलत: दोहरा होगा: मतदाता सूचियों को अद्यतन करना, मुख्यत: पहली बार मतदान करने वालों के नाम जोड़कर और मतदाताओं को महत्वाकांक्षी 'एक राष्ट्र एक चुनाव' के लिए प्रेरित करना, जिससे देश के सभी चुनाव एक ही दिन या एक निश्चित समय-सीमा में एक साथ हो सकें।'
पार्टी तैयारी में नहीं छोड़ेगी कोई कसर
हालांकि राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि यूपी में अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव और उसके बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस अभियान को एक मजबूत तैयारी के तौर पर देखा जा सकता है। बीजेपी हमेशा संगठन के कार्यकर्ताओं को मोबलाइज करने का काम करती है और उसके तहत ही वह अपने फ्रंटल संगठनों को जिम्मेदारी पकड़ती है। बीजेपी के प्रवक्ता आनंद दुबे ने पार्टी के अभियानों को लेकर कहा कि, पंचायत चुनाव और विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी अपनी तैयारी में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी।