Edited By Nitika,Updated: 15 Aug, 2018 12:17 PM
देश को आजाद करवाने में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसी के चलते स्वतंत्रता आन्दोलन में महात्मा गांधी के साथ वीर सेनानियों ने हिस्सा लेकर देश को अंग्रेजों की हुकूमत से आजादी दिलवाई थी। इनके इस बलिदान के कारण भारत देश आजाद...
ऊधमसिंहनगरः देश को आजाद करवाने में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसी के चलते स्वतंत्रता आन्दोलन में महात्मा गांधी के साथ वीर सेनानियों ने हिस्सा लेकर देश को अंग्रेजों की हुकूमत से आजादी दिलवाई थी। इनके इस बलिदान के कारण भारत देश आजाद हुआ है।
बब्बन सिंह ने आजादी के पहलुओं को किया साझा
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हम अपने वीर सपूतों को याद कर रहे हैं। उत्तराखंड का ऊधमसिंह नगर स्वतंत्रता आंदोलन के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। ऊधम सिंह नगर के किच्छा विधानसभा के ऐसे 13 गांव है जो देश की आजादी से संबंध रखते हैं। उन ,सेनानियों में से एक ऐसे ही आन्दोलनकारी बब्बन सिंह हैं। उन्होंने आजादी से जुड़े कुछ पहलुओं को साझा किया। उन्होंने कहा कि आजादी की लौह जलाए महात्मा गांधी ने जैसे ही भारत के नौजवानो से करो या मरो की अपील की थी तो बब्बन सिंह भी आजादी की लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर कूद पड़े। 97 वर्ष के बब्बन सिंह ऊधमसिंह नगर जिले के रुदपुर में अपने बेटों के साथ रहते है लेकिन आज भी जब वह आजादी की बातों को याद करते है तो सहम जाते हैं।
1942-43 में भारत छोड़ो आन्दोलन का बने हिस्सा
बब्बन सिंह के अनुसार 1942-43 में वह महात्मा गांधी के आवाहन पर 'भारत छोड़ो आंदोलन' का हिस्सा बने। इस दौरान अंग्रेजो ने उस समय उनको ओर उनकी टीम को काफी प्रताड़नाएं दी लेकिन ना तो उनके और ना ही उनके साथियों के पैर डगमगाए। इसी दौरान उनको और उनके साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें 1 साल का कारावास हो गया। इस एक साल में कई कैदियों को समय-समय पर अलग-अलग जेलों में रखा गया। उन्होंने बताया कि जब आजादी की लड़ाई लड़ी जा रही थी तब क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी हुकूमत को हिलाने के लिए ट्रेन की पटरियों को उखाड़ दिया। इसके साथ ही सड़कों पर गड्ढे कर दिए ताकि बाहर से आकर अंग्रेज उन पर हावी ना हो सके।