Edited By Nitika,Updated: 14 Jun, 2021 11:48 AM
जिंदा पकड़े गए आदमखोर तेंदुओं के लिए नैनीताल और हरिद्वार जिलों में बनाए गए रेस्क्यू सेंटरों की क्षमता पूरी होने के बाद उत्तराखंड वन विभाग अब उन्हें दूसरे प्रदेशों में भेजने की तैयारी कर रहा है।
देहरादूनः जिंदा पकड़े गए आदमखोर तेंदुओं के लिए नैनीताल और हरिद्वार जिलों में बनाए गए रेस्क्यू सेंटरों की क्षमता पूरी होने के बाद उत्तराखंड वन विभाग अब उन्हें दूसरे प्रदेशों में भेजने की तैयारी कर रहा है।
राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग ने बताया कि इस संबंध में सेंट्रल जू ऑथॉरिटी से सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है और राज्य सरकार से औपचारिक अनुमति मिलने के बाद जिंदा पकड़े गए आदमखोर तेंदुओं को दूसरे राज्यों के रेस्क्यू सेंटरों में भेजने की प्रक्रिया आरंभ होगी। उन्होंने कहा कि यह कदम उत्तराखंड के 2 रेस्क्यू सेंटरों की क्षमता पूरी होने के कारण उठाया जा रहा है। सुहाग ने बताया कि हरिद्वार जिले के चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर में आठ तेंदुए रखे गए हैं और उसकी क्षमता पूरी हो चुकी है जबकि नैनीताल जिले के रानीबाग में तीन तेंदुए हैं और वहां अधिकतम चार ही रखे जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के विभिन्न भागों में हर साल बड़ी संख्या में तेंदुए पकड़े जाते हैं और उनके रखरखाव पर लाखों रूपए खर्च किए जाते हैं। पकड़े गए आदमखोर तेंदुओं को सामान्य रूप से चिड़ियाघरों में भेजा जाता है या वनकर्मियों की निगरानी में अस्थाई खुले बाडों में रखा जाता है।
दूसरे प्रदेशों में रेस्क्यू सेंटरों में तेंदुओं के लिए काफी खाली जगह है और इसी को देखते हुए उत्तराखंड से तेंदुए बाहर भेजने का विचार आया। उन्होंने कहा कि गुजरात के जामनगर रेस्क्यू सेंटर की क्षमता 50 तेंदुए रखने की है जबकि वहां केवल चार तेंदुए हैं। वन अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार से मंजूरी मिलने के बाद पहले चरण में छह आदमखोर तेंदुए जामनगर भेजे जाएंगे।