Edited By Nitika,Updated: 08 Jun, 2021 09:06 PM
देश में जब कोरोना महामारी से लड़ने के लिए हर हाथ से सहयोग मांगा जा रहा है तो उत्तराखंड में टिहरी जिले में प्रतापनगर क्षेत्र के एक सामाजिक कार्यकर्ता की तरफ से करीब डेढ़ लाख रुपए की कोरोना दवा का वितरण अचानक रुकने से लोग हैरान हैं।
नयी टिहरीः देश में जब कोरोना महामारी से लड़ने के लिए हर हाथ से सहयोग मांगा जा रहा है तो उत्तराखंड में टिहरी जिले में प्रतापनगर क्षेत्र के एक सामाजिक कार्यकर्ता की तरफ से करीब डेढ़ लाख रुपए की कोरोना दवा का वितरण अचानक रुकने से लोग हैरान हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता राजेश्वर पैन्यूली ने बताया कि उन्होंने स्थानीय कार्यकर्ताओं के सहयोग से क्षेत्र के भदुरा में मंगलवार को कोरोना दवा के निशुल्क वितरण के लिए सभी कोरोना प्रोटोकॉल के निर्देशों का पालन करते हुए शिविर लगाने की व्यवस्था की गई लेकिन उन्हें सोमवार देर रात अचानक चिकित्सा शिविर नहीं लगाने की सूचना दी गई। पैन्यूली ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में प्रतापनगर के उप जिलाधिकारी को शिविर लगाने की लिखित सूचना दी और जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से भी इसकी अनुमति ली। उनका कहना था कि क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दीनगांव ने भगतसिंह कॉलेज दिल्ली तथा टीएचडीसी की मदद से सार्वजनिक निजी आधार पर संचालित इस शिविर की लिखित अनुमति दी थी।
टिहरी बांध की विशाल झील के कारण अलग-थलग पड़े प्रताप नगर क्षेत्र के लिए 2005 में स्वीकृत और 2020 में बनकर तैयार हुए डोबरा चांटी पुल के निर्माण में हुए घोटालो को सूचना के अधिकार के तहत उजागर कर दबाव बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले पैन्यूली ने कहा कि इस शिविर का उद्घाटन स्थानीय सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह द्वारा वर्चुअल आधार पर किया जाना था लेकिन शिविर को रोकने से पूरे क्षेत्र के लोगों में हैरानी का माहोल है। उन्होंने कहा कि जब पूरा देश महामारी के खिलाफ एकजुट होकर लड़ रहा है तो इस तरह से दूर दराज के क्षेत्र में निशुल्क दवा वितरण के कार्यक्रम को रोकना मानवता के विरुद्ध अपराध है।