Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 22 May, 2020 07:06 PM
कोरोना संकट के बीच लागू देशव्यापी लॉकडाउन में सबसे ज्यादा मुसीबतों का सामना गरीब श्रमिकों को करना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद इनके सामने पेट भरने की समस्या लगातार बनी...
लखनऊः कोरोना संकट के बीच लागू देशव्यापी लॉकडाउन में सबसे ज्यादा मुसीबतों का सामना गरीब श्रमिकों को करना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद इनके सामने पेट भरने की समस्या लगातार बनी हुई है। ऐसे में योगी सरकार ने सरकारी अनाज वितरण का दायरा और बढ़ाते हुए बगैर आधार और बगैर राशन कार्ड वाले प्रवासी मजदूरों को दो माह का मुफ्त अनाज देने का निर्णय लिया है।
बता दें कि आत्मनिर्भर भारत के तहत दूसरे राज्यों से आ रहे मजदूरों और लॉकडाउन में यूपी में फंस गए दूसरे राज्यों के लोगों को सरकार अनाज देगी। जिससे उनके सामने खाने या पेट पालने की समस्याओं का हल हो सकेगा। सरकारी राशन कोविड 19 की लड़ाई का सबसे बड़ा अस्त्र है। ऐसे में सरकार की यह कोशिश हर जरूरतमंद को जरूर लाभ पहुंचाएगी।
वहीं लॉकडाउन के दौरान सरकार एक के बाद एक योजना के जरिए हर जरूरतमंद परिवार को राशन उपलब्ध करा रही है। सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अन्त्योदय कार्ड धारकों के अलावा मनरेगा, श्रम विभाग और नगर निगम में पंजीकृत दिहाड़ी मजदूरों को तीन महीने मुफ्त अनाज देने की घोषणा की। इसके बाद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में चावल और चना मुफ्त दिया गया।