Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 15 Sep, 2021 05:08 PM
नशा, एक ऐसी बीमारी है जो आज के दौर में युवा पीढ़ी को लगातार अपनी चपेट में ले रही है। जिसकी वजह से कई घरों के चिराग बुझ गए हैं। वहीं एक कार्यक्रम में नशे की लत से बेटे की असमय मौत को याद कर केंद्र सरकार ...
आगरा: नशा, एक ऐसी बीमारी है जो आज के दौर में युवा पीढ़ी को लगातार अपनी चपेट में ले रही है। जिसकी वजह से कई घरों के चिराग बुझ गए हैं। वहीं एक कार्यक्रम में
नशे की लत से बेटे की असमय मौत को याद कर केंद्र सरकार के मंत्री कौशल किशोर (Kaushal Kishor) भावुक हो गए। केंद्रीय मंत्री ने समाज के लोगों को यह संकल्प दिलाया कि वह अपने आसपास के लोगों को नशे से दूर रहने का आग्रह करेंगे।
दरअसल, कौशल किशोर नशा मुक्ति अभियान (Drug de-addiction campaign) के तहत नई पीढ़ी को नशे से दूर रखने के लिए लगातार अभियान चला रहे हैं। जिसके चलते वह ताजनगरी में जैन समाज (Jain Samaj) के कार्यक्रम में पहुंचे थे, यहां उन्होंने जैन समाज के लोगों को यह संकल्प दिलाया कि वह अपने आसपास के लोगों को नशे से दूर रहने का आग्रह करेंगे। केंद्रीय मंत्री के साथ-साथ सैकड़ों लोगों ने नशा मुक्ति अभियान से जुड़कर समाज में नशे को जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया।
वहीं मीडिया से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नशे के कारण मैंने अपने 28 साल के बेटे को खोया है। केंद्रीय मंत्री कौशल ने कहा कि जब बेटे की चिता जली तो वहीं पर यह संकल्प ले लिया था कि आज के बाद समाज से नशे की बुराई दूर करने के लिए वह खुद को समर्पित कर देंगे। तब से उनका नशे के खिलाफ अभियान पूरे देश में जारी है। अपने बेटे को याद करते हुए केंद्रीय मंत्री अत्यंत भावुक हो गए। उन्होंने सभी से नशे से दूर रहने की गुजारिश की। उहोंने लोगों से अपील की कि वह नशा मुक्ति आंदोलन से जुड़कर अपने रिश्तेदारों के साथ साथ आसपास के लोगों को नशा मुक्ति आंदोलन में जोड़ें।