विकास दुबे मुठभेड़: जस्टिस चौहान को हटाने की सुप्रीम कोर्ट में डाली गई अर्जी

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 31 Jul, 2020 04:58 PM

vikas dubey encounter petition filed in supreme court to

उत्तर प्रदेश के दुर्दांत अपराधी विकास दुबे एवं उसके गुर्गों की पुलिस मुठभेड़ की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित न्यायमूर्ति बी एस चौहान आयोग को फिर से पुनर्गठित करने का मामला एक बार फिर शीर्ष अदालत के समक्ष आया है। इस बा...

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के दुर्दांत अपराधी विकास दुबे एवं उसके गुर्गों की पुलिस मुठभेड़ की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित न्यायमूर्ति बी एस चौहान आयोग को फिर से पुनर्गठित करने का मामला एक बार फिर शीर्ष अदालत के समक्ष आया है। इस बार उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बी एस चौहान के खिलाफ भी अंगुली उठायी गयी है। 

याचिकाकर्ताओं में से एक -वकील घनश्याम उपाध्याय- ने इस बार न्यायमूर्ति चौहान का भारतीय जनता पार्टी से नजदीकी संबंध होने का आरोप लगाकर उन्हें आयोग से हटाने की मांग की है। याचिकाकर्ता का कहना है कि न्यायमूर्ति चौहान के भाई और समधी भाजपा के नेता हैं। यह पार्टी उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ है। याचिकाकर्ता ने आयोग के दूसरे सदस्य उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक के. एल. गुप्ता का संबंध भी कानपुर जोन के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल से होने की बात कही है। कानपुर क्षेत्र में ही विकास दुबे की मुठभेड़ हुई थी।

उपाध्याय का कहना है कि आयोग के दोनों सदस्यों की उपस्थिति से निष्पक्ष जांच की संभावना कम नजर आती है, इसलिए आयोग को फिर से गठित करना चाहिए। गौरतलब है कि उपाध्याय ने पहले भी गुप्ता और उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश शशिकांत अग्रवाल को आयोग से हटाने के लिए याचिका दायर की थी। एक अन्य याचिकाकर्ता अनूप अवस्थी ने भी श्री गुप्ता की आयोग में मौजूदगी पर सवाल उठाये थे और दलीलें दी थीं। दोनों की याचिकाओं को शीर्ष अदालत ने पिछले दिनाों खारिज कर दिया था। 

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