ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता UP: यूपीसीडा लगाएगा 13 नए सौर संयंत्र, औद्योगिक क्षेत्रों में बढ़ेगी हरित ऊर्जा की हिस्सेदारी

Edited By Mamta Yadav,Updated: 14 Jun, 2025 08:21 PM

up moving self sufficiency upsida will install 13 new solar plants

उत्तर प्रदेश को $1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य की ओर अग्रसर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार सतत विकास और पर्यावरणीय संतुलन को प्राथमिकता दे रही है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण...

लखनऊ/कानपुर: उत्तर प्रदेश को $1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य की ओर अग्रसर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार सतत विकास और पर्यावरणीय संतुलन को प्राथमिकता दे रही है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों को सौर ऊर्जा से संचालित करने की एक बड़ी पहल की है। उत्तर प्रदेश में औद्योगिक संरचना को हरित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यूपीसीडा ने 13 नए स्थलों की पहचान की है, जहां सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाएंगे। यह पहल उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य है – ऊर्जा की लागत घटाना, पर्यावरण संरक्षण और कार्बन उत्सर्जन में कटौती।

इन 13 स्थानों पर लगेंगे संयंत्र
1. सूरजपुर साइट-5

2. ईपीआईपी (गौतम बुद्ध नगर)

3. टीडीएस सिटी (गाजियाबाद)

4. एसईजेड (मुरादाबाद)

5. जगदीशपुर (अमेठी)

6. बागपत

7. ईपीआईपी (आगरा)

8. कोसी कोटवन (मथुरा)

9. जीसी-1 झाँसी

10. कुर्सी रोड (बाराबंकी)

11. नैनी (प्रयागराज)

12. शाहजहाँपुर

13. करखीयाओं (वाराणसी)

CM योगी का हरित औद्योगिक जोन का विजन हो रहा साकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का स्पष्ट निर्देश है कि प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र न केवल उत्पादन में अग्रणी हों, बल्कि ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और पर्यावरण-अनुकूल भी बनें। इसी लक्ष्य की प्राप्ति हेतु यूपीसीडा ने ‘सौर औद्योगिक क्षेत्र’ (Solar Industrial Zones) की अवधारणा को अपनाया है। कानपुर स्थित यूपीसीडा मुख्यालय में पहले ही 150 किलोवाट का सौर संयंत्र स्थापित किया जा चुका है, जो ₹82.98 लाख की लागत से लगाया गया। यह संयंत्र वित्तीय रूप से लाभदायक होने के साथ-साथ पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है।

“सौर पथ” और हरित पट्टियां बनाएंगी उद्योग क्षेत्र को सुंदर और सुरक्षित
यूपीसीडा औद्योगिक क्षेत्रों को न केवल ऊर्जा के लिहाज से सशक्त बना रहा है, बल्कि “सौर पथ” और हरित पट्टियों की योजनाओं के माध्यम से सुरक्षा और सौंदर्य का भी समन्वय कर रहा है। इन पथों पर ऑफ-ग्रिड सौर लाइटिंग सिस्टम लगाया जाएगा, जिससे रात में भी बेहतर प्रकाश व्यवस्था बनी रहेगी। हरित पट्टियां न केवल प्रदूषण नियंत्रण में सहायक होंगी, बल्कि औद्योगिक क्षेत्रों की दृश्यता और निवेश के प्रति आकर्षण को भी बढ़ाएंगी। यूपीसीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी ने कहा, “यह पहल न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि संचालन लागत को भी कम करती है। यूपीसीडा अपने परिसरों के साथ-साथ उद्योगों को भी सौर ऊर्जा अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है। इसका उद्देश्य ऊर्जा लागत में कटौती, कार्बन उत्सर्जन में कमी और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना है।”

सौर ऊर्जा संयंत्रों के प्रमुख लाभ:-

  • पर्यावरण संरक्षण: शून्य उत्सर्जन वाली ऊर्जा से प्रदूषण में कमी
  • ऊर्जा लागत में बचत: दीर्घकालिक रूप से बिजली बिलों में राहत
  • ऊर्जा आत्मनिर्भरता: ग्रिड पर निर्भरता में कमी और निरंतर बिजली आपूर्ति
  • स्थायित्व और निवेश: 20-25 वर्षों तक न्यूनतम रख-रखाव के साथ संचालन
  • रोजगार सृजन: स्थापना और रखरखाव में स्थानीय लोगों को मिलेगा काम

 

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