Edited By Purnima Singh,Updated: 24 Jul, 2025 12:49 PM

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने गुरुवार को लखनऊ में बुलाई गई बिजली विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों की जमकर क्लास ली। बैठक के दौरान मंत्री महज दस मिनट की रिपोर्टिंग सुनने के बाद ही भड़क उठे और साफ कहा – "मैं बकवास सुनने नहीं आया... आप...
लखनऊ (अश्विनी कुमार सिंह) : उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कल शाम बुधवार को लखनऊ में बुलाई गई बिजली विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों की जमकर क्लास ली। बैठक के दौरान मंत्री महज दस मिनट की रिपोर्टिंग सुनने के बाद ही भड़क उठे और साफ कहा – "मैं बकवास सुनने नहीं आया... आप लोग अंधे, बहरे होकर बैठे हैं।"
ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को चेताया
ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि वे जमीनी हकीकत से पूरी तरह कटे हुए हैं और जनता की परेशानियों के प्रति संवेदनशील नहीं हैं। उन्होंने कहा कि "बिजली विभाग कोई बनिए की दुकान नहीं है, जो सिर्फ बिल वसूलने के लिए चल रही हो। यह जनसेवा का काम है।"
अधिकारियों पर गंभीर आरोप
मंत्री ने बिजली बिलों में गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार पर गहरी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एक उपभोक्ता को 72 करोड़ रुपये का बिजली बिल भेजा गया और उसे ठीक करने के लिए पैसे भी मांगे गए। उन्होंने सवाल उठाया – "आम आदमी की गलती क्या है, और क्यों उसे सिस्टम की लापरवाही भुगतनी पड़े?"उन्होंने अधिकारियों से पूछा,"जो झूठी रिपोर्ट नीचे से आती है, वही आप लोग आंख बंद कर ऊपर भेज देते हैं?" मंत्री ने कहा कि लगता है जैसे "बिजली विभाग ने हमें बदनाम करने की सुपारी ले ली है।"
बिजली कटौती पर भी फटकार
मंत्री ने पूरे गांव या फीडर की लाइन काटने के फैसले को भी अनुचित बताया। उन्होंने कहा कि यदि कुछ उपभोक्ता बिल नहीं भर रहे हैं, तो उन उपभोक्ताओं को चिन्हित करें, पूरे क्षेत्र की बिजली काटना नाइंसाफी है। जो लोग समय से बिल भर रहे हैं, उन्हें सजा क्यों?
कार्रवाई की चेतावनी
ऊर्जा मंत्री ने बैठक में साफ संकेत दिए कि लापरवाह और भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिया कि फर्जी बिलिंग, उपभोक्ता उत्पीड़न और मनमाने बिजली कटौती जैसी समस्याएं तुरंत खत्म की जाएं और जनता को निर्बाध बिजली आपूर्ति दी जाए।