Edited By Imran,Updated: 30 Jul, 2025 04:49 PM

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हिए हिंसा के मामले में सात साल बाद अदालत ने 38 आरोपियों को दोषी माना है। दोषी करार सभी आरोपियों को 1 अगस्त को सजा सुनाया जाएगा। बता दें कि 2018 में स्याना कोतवाली क्षेत्र में हिंसा भड़कने के बाद से भीड़ ने चिंगरावठी पुलिस...
बुलंदशहर हिंसा: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हिए हिंसा के मामले में सात साल बाद अदालत ने 38 आरोपियों को दोषी माना है। दोषी करार सभी आरोपियों को 1 अगस्त को सजा सुनाया जाएगा। बता दें कि 2018 में स्याना कोतवाली क्षेत्र में हिंसा भड़कने के बाद से भीड़ ने चिंगरावठी पुलिस चौकी को फूंक दिया था और दरोगा समेत 2 लोगों की हत्या कर दी गई थी।
साल 2018 में हुई इस हिंसा में पुलिस ने मौजूदा जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान सहित 44 लोगों को आरोपी बनाया था। इनमें से 5 की मौत हो चुकी है, जबकि एक आरोपी नाबालिग था, जो रिहा हो चुका है। मुख्य आरोपी जिला पंचायत सदस्य और हिंदू संगठन से जुड़ा योगेश राज कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर बाहर आया है। फैसले को देखते हुए कोर्ट में 2 थानों की फोर्स को तैनात थी। अभियुक्त पक्ष के वकील अशोक डागर ने बताया- आज कोर्ट को फैसला सुनाना था। फैसला ढाई बजे आना था।
कुछ आरोपी बाद में पेश हुए। जज साहब ने साढ़े तीन बजे मामले में सभी 38 आरोपियों को दोषी करार दिया। सजा का ऐलान एक अगस्त को होगा। हम दोष सिद्धी के फैसले पर संतुष्ट नहीं हैं। मामले में फैसला आने के बाद हाई कोर्ट जाएंगे।
आखिर 2018 में क्यों भड़की थी हिंसा
3 दिसंबर 2018 को बुलंदशहर जिले के महवा में गोवंश के कुछ अवशेष मिले थे। जिसकी भनक लगते ही पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई। इस खबर को सुनने के बाद हिंदूवादी संगठन और आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और इसका विरोध करने लगे। आरोप लगा है कि योगेश राज ने अपने साथियों के साथ मिलकर लोगों को इकट्ठा किया और उन्हें भड़काया। भीड़ ट्रैक्टर-ट्रॉली में गोवंश के अवशेषों को भरकर बुलंदशहर हाईवे स्थित चिंगरावठी पुलिस चौकी पर पहुंच गई। भीड़ ने हाईवे को पूरी तरह जाम कर दिया। पुलिस ने लोगों रोकने का प्रयास किया तो भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिस चौकी फूंक दी।
मिली जानकारी के अनुसार, हिंसा के दौरान तत्कालीन कोतवाल सुबोध कुमार भीड़ को काबू करने में शहीद हो गए थे। चिंगरावठी के रहने वाले युवक सुमित की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आनन-फानन में पुलिस ने गोकशी के 10 आरोपियों पर केस दर्ज किया था, तब जाकर मामला शांत हुआ था।