Edited By Anil Kapoor,Updated: 29 Jul, 2025 02:10 PM

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार इलाके में स्थित विनोद हॉस्पिटल की भारी लापरवाही का मामला सामने आया है। यह लापरवाही 3 साल पहले एक इलाज के दौरान हुई थी, जिसके कारण एक युवक की जिंदगी हमेशा के लिए बदल......
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार इलाके में स्थित विनोद हॉस्पिटल की भारी लापरवाही का मामला सामने आया है। यह लापरवाही 3 साल पहले एक इलाज के दौरान हुई थी, जिसके कारण एक युवक की जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई।
गलत सर्जरी से बिगड़ी हालत
लखनऊ के खरगापुर, कौशलपुरी के रहने वाले नीरज मिश्रा (35 वर्ष) तीन साल पहले एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे। वह बैटरी रिक्शा पलटने की घटना में गंभीर रूप से चोटिल हुए थे। इलाज के लिए उन्होंने विनोद हॉस्पिटल में भर्ती होना चुना। लेकिन अस्पताल की लापरवाही ने उनके लिए एक नई मुसीबत खड़ी कर दी। नीरज के पैर का गलत ऑपरेशन कर दिया गया, जिसके कारण उनके पैर में इन्फेक्शन हो गई। स्थिति इतनी खराब हो गई कि डॉक्टरों को उनका 9 बार ऑपरेशन करना पड़ा। इसके बावजूद उनकी हालत में कोई खास सुधार नहीं हुआ और अंततः वे चलने-फिरने में असमर्थ हो गए।
दोनों पैर हो गए कमजोर, खर्च हुए लाखों रुपए
पैर को बचाने के लिए डॉक्टरों ने उनके दूसरे पैर से मांस निकालकर प्रत्यारोपण किया, जिससे दोनों पैर कमजोर हो गए। नीरज मिश्रा ने इस इलाज में लाखों रुपए खर्च कर दिए, लेकिन ना राहत मिली, ना ही सुधार।
शिकायतों के बाद भी नहीं मिला न्याय
नीरज ने इंसाफ पाने के लिए कई कोशिशें कीं। उन्होंने डीएम, कमिश्नर और डिप्टी सीएम तक शिकायतें कीं, लेकिन शुरुआत में उन्हें कोई राहत नहीं मिली। यहां तक कि सीएमओ कार्यालय की जांच में भी अस्पताल को क्लीन चिट दे दी गई थी। निराश होकर नीरज ने मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंचाया, जिसके बाद एक बार फिर से उच्च स्तरीय जांच शुरू हुई।
जांच में दोषी पाया गया अस्पताल, रद्द हुआ लाइसेंस
अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, लखनऊ मंडल की जांच में यह स्पष्ट हो गया कि नीरज के इलाज में गंभीर लापरवाही हुई थी और इसके लिए विनोद हॉस्पिटल का प्रबंधन दोषी है। इस रिपोर्ट के आधार पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) ने कार्रवाई करते हुए अस्पताल का रजिस्ट्रेशन (RMEE2340828) तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। साथ ही, सभी चिकित्सीय गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है।
अस्पताल को चेतावनी, मरीजों को किया जाएगा शिफ्ट
सीएमओ ने निर्देश दिया है कि यदि हॉस्पिटल में अभी कई मरीज भर्ती हैं, तो उन्हें निकटवर्ती सरकारी अस्पतालों में स्थानांतरित किया जाए। साथ ही चेतावनी दी गई है कि अगर आगे अस्पताल में कोई भी चिकित्सीय गतिविधि मिली, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।