लखनऊ, (अश्वनी कुमार सिंह ): उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है। प्रदेश में बिजली की दरों में 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो सकती है। नियामक आयोग उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (UPERC) 21 जुलाई को लखनऊ में इस संबंध में जनसुनवाई करेगा। इसके बाद 25 जुलाई को राज्य ऊर्जा सलाहकार समिति की बैठक प्रस्तावित है। माना जा रहा है कि अगस्त के पहले सप्ताह में नई दरों की घोषणा हो सकती है।
करीब 19,600 करोड़ रुपये के घाटे का UPPCL ने दिया हवाला
जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) और इसकी वितरण कंपनियों ने चालू वित्तीय वर्ष में करीब 19,600 करोड़ रुपये के घाटे का हवाला देते हुए बिजली दरों में वृद्धि की मांग की है। कंपनियों ने एनुअल रेवेन्यू रिक्वायरमेंट (ARR) में घाटा दिखाकर दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव पेश किया है।
नियामक आयोग कर रहा ARR पर सुनवाई
इस समय नियामक आयोग द्वारा ARR और दर संशोधन के प्रस्तावों पर सुनवाई की प्रक्रिया चल रही है। आयोग जनसुनवाई में उपभोक्ताओं के सुझाव और आपत्तियां भी दर्ज करेगा। इसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
जनता पर बढ़ेगा बोझ
अगर प्रस्तावित 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी लागू होती है तो घरेलू, व्यवसायिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं पर सीधा असर पड़ेगा। पहले से ही महंगाई से परेशान जनता को बिजली बिल में भी झटका लगना तय माना जा रहा है।
यह रहेगा कार्यक्रम
21 जुलाई: लखनऊ में जनसुनवाई
25 जुलाई: राज्य ऊर्जा सलाहकार समिति की बैठक
अगस्त प्रथम सप्ताह: संभावित दरों की घोषणा
मुख्य वजह - भारी घाटा:
यूपीपीसीएल और वितरण कंपनियों का कहना है कि घाटे की भरपाई और बेहतर बिजली आपूर्ति बनाए रखने के लिए दरों में वृद्धि जरूरी है। अगर दरें नहीं बढ़ाई गईं तो बिजली आपूर्ति व्यवस्था गड़बड़ा सकती है।
फैक्ट फाइल घाटा: 19,600 करोड़ रुपये (वर्तमान वित्त वर्ष)
संभावित बढ़ोतरी: 30% तक
प्रभाव: घरेलू, वाणिज्यिक, औद्योगिक उपभोक्ता