Edited By Ajay kumar,Updated: 05 Sep, 2019 04:18 PM
मेरठ को वाहनों का कमेला ऐसे ही नहीं कहा जाता। यहां पर खड़े-खड़े वाहनों की चोरी हो जाती है। वाहन चोरी के बाद जो मुसीबत वाहन चालक को झेलनी पड़ती है वह तो है ही।
मेरठ: मेरठ को वाहनों का कमेला ऐसे ही नहीं कहा जाता। यहां पर खड़े-खड़े वाहनों की चोरी हो जाती है। वाहन चोरी के बाद जो मुसीबत वाहन चालक को झेलनी पड़ती है वह तो है ही। इससे अधिक मुसीबत तब झेलनी पड़ती है। जब उसकी चोरी की बाइक का चालान उनके पते पर पहुंच जाए। बेचारा परेशान नहीं होगा तो और क्या होगा। हाल ही में सरकार द्वारा यातायात के नियमों के उल्लंघन पर नए आर्थिक दंड लागू किए गए हैं। नियमों का उल्लंघन करने पर आर्थिक दंड की राशि भी बहुत अधिक रखी है।
एक सितंबर से यातायात के नियमों का पालन भी लोग कर रहे हैं। मेरठ में भी लोगों के भीतर इसको लेकर सजगता शुरू हो गई है। लेकिन एक युवक के लिए यह ई-चालान आफत लेकर आ गया। युवक की बाइक 2012 में चोरी हो गई थी। जिसकी शिकायत उसने थाने में की थी। लेकिन उसके घर उसकी चोरी की बाइक का ई चालान पहुंच गया। अपनी चोरी की बाइक का ई चालान देखते ही उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। वह सीधा एसएसपी कार्यालय पहुंचा और वहां पहुंचकर अपनी व्यथा एसएसपी को सुनाई। एसएसपी ने उसको कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
शाहपीर गेट निवासी आजम ने बताया कि फरवरी 2012 में वह बाजार सामान लेने गया था। इस दौरान उसकी बाइक चोरी हो गई थी। इसके बाद उसने इसकी रिपोर्ट संबंधित थाने में लिखवाई थी बावजूद इसके बाइक नहीं मिली। लेकिन आज भी वह बाइक मेरठ महानगर में दौड़ रही है। आजम ने बताया कि उसकी चोरी हुई बाइक का ई चालान उसके घर के पते पर डाक द्वारा पहुंचा। इसकी शिकायत उसने एसएसपी कार्यालय में की है। अधिकारियों ने मामले में जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।