Edited By Purnima Singh,Updated: 28 Dec, 2025 05:11 PM

बरेली जिला मुख्यालय के इज्जतनगर थाना क्षेत्र में पुलिस ने दो संदिग्ध कश्मीरी युवकों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। इज्जतनगर थाना प्रभारी बिजेंद्र सिंह ने बताया कि दोनों युवक अहलादपुर चौकी क्षेत्र के धीमरी गांव में एक मस्जिद...
Bareilly News : बरेली जिला मुख्यालय के इज्जतनगर थाना क्षेत्र में पुलिस ने दो संदिग्ध कश्मीरी युवकों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। इज्जतनगर थाना प्रभारी बिजेंद्र सिंह ने बताया कि दोनों युवक अहलादपुर चौकी क्षेत्र के धीमरी गांव में एक मस्जिद में ठहरे हुए थे। उनसे कई घंटे तक पूछताछ की गई, लेकिन उन्होंने कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा, ‘‘दोनों केवल यह कहते रहे कि वे गरीब हैं और भीख मांगकर गुजारा करते हैं।''
खुफिया एजेंसियों ने तस्वीरें-आधार कार्ड वेरिफिकेशन के लिए भेजे
पुलिस के साथ-साथ खुफिया एजेंसियां भी उनसे लगातार पूछताछ कर रही हैं। पुलिस का कहना है कि प्रथम दृष्टया दोनों संदिग्ध प्रतीत हो रहे हैं। थाना प्रभारी ने बताया कि दोनों संदिग्धों की तस्वीरें और आधार कार्ड कश्मीर पुलिस को सत्यापन के लिए भेज दिए गए हैं और तत्काल जानकारी मांगी गई है। जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि उनके दस्तावेज सही हैं या नहीं। उन्होंने बताया, ‘‘शनिवार सुबह धीमरी गांव में दो कश्मीरी युवक घर-घर भीख मांगते देखे गए थे। उनकी भाषा और बोलचाल के तरीके को लेकर गांव के लोगों को संदेह हुआ, जिसके बाद उन्होंने पुलिस के ‘एक्स' खाते पर शिकायत दर्ज कराई।''
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दोनों ने भीड़ में शामिल होकर पढ़ी नमाज
सिंह ने बताया कि सूचना मिलने पर इज्जतनगर पुलिस गांव पहुंची। शुरुआत में पुलिस को देखकर दोनों युवक भीड़ में शामिल होकर नमाज पढ़ने लगे और नजरों से ओझल हो गए। उन्होंने बताया कि कुछ देर बाद ग्रामीणों ने दोबारा सूचना दी कि दोनों युवक फिर गांव में दिखाई दिए हैं और इस बार पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। थाना प्रभारी ने बताया कि पूछताछ में उन्होंने अपना नाम शौकत अली और सज्जाद बताया। दोनों कश्मीर के पुंछ जिले के निवासी हैं।
पुलिस दोनों को थाने ले आई और सख्ती से पूछताछ के दौरान मामला गंभीर प्रतीत होने पर खुफिया एजेंसियों को भी इसकी सूचना दी गई। सिंह ने कहा, ‘‘अब तक की पूछताछ में दोनों ने बताया है कि वे गांव की एक मस्जिद में ठहरे हुए थे। वे कई वर्ष पहले भी दिसंबर में बरेली आए थे। इस बार वे 10 दिसंबर को बरेली पहुंचे थे और तब से गांव में रह रहे थे।''