राम मंदिर का रास्ता साफ, केस वापस लेना चाहता है मुस्लिम बोर्ड, दाखिल किया हलफनामा

Edited By Ajay kumar,Updated: 16 Oct, 2019 11:38 AM

the way for ram temple cleared muslim board wants to withdraw the case

राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद की अंतिम सुनवाई शुरू हो चुकी है इससे पहले उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने बड़ा फैसला लेने पर विचार किया है। सूत्रों के मुताबिक बोर्ड राम मंदिर मामले का केस वापस लेना चाहता है।

अयोध्या: राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद की अंतिम सुनवाई शुरू हो चुकी है इससे पहले उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने बड़ा फैसला लेने पर विचार किया है। सूत्रों के मुताबिक बोर्ड राम मंदिर मामले का केस वापस लेना चाहता है। बताया जा रहा है सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मध्यस्थता पैनल के जरिए इस बाबत सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। सबसे खास बात ये कि इसके लिए सुन्नी बोर्ड ने अपने वकीलों के साथ सलाह-मशविरा भी नहीं किया। इस हलफनामे में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह अपना केस वापस लेना चाहता है। यह हलफनामा श्रीराम पांचू के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया गया है। 

वक्‍फ बोर्ड के वकील बोले- मुझे जानकारी नहीं
वहीं जब इस बारे में उत्‍तर प्रदेश सुन्‍नी सेंट्रल वक्‍फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी से बात की गई तो उन्होंने केस वापस लेने के बोर्ड के फैसले की जानकरी से अनभिज्ञता जाहिर की। उन्‍होंने बताया कि उन्‍हें वक्‍फ बोर्ड ने केस वापस लेने की सूचना नहीं दी है। अयोध्‍या में रामजन्‍मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में आठ मुस्लिम पक्षकारों ने केस दायर किए हैं। मुख्‍य पक्षकार सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड की ओर से दो केस दायर किए गए हैं। 

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बस अब बहुत हो चुका: चीफ जस्टिस
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा है कि बस अब बहुत हो चुका है। शाम 5 बजे तक सुनवाई हर हाल में पूरी होगी। 

सुन्नी वक्फबोर्ड वापस ले सकता है हलफनामा: सूत्र
सूत्रों से मिली ताजा जानकारी के मुताबिक सुनवाई के आखिरी दिन यानि आज सुन्नी वक्फबोर्ड अयोध्या मामले में दायर अपनी हलफनामे की अपील वापस ले सकता है। सुन्नी बोर्ड ने एससी के रिटायर्ड जज ख़लीफुल्ला की अगुवाई वाले मध्यस्थता पैनल को चि_ी लिखी है। पैनल की ओर से सुप्रीम कोर्ट को आज इस मामले की जानकारी दी जा सकती है।
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राम जन्मभूमि पर मस्जिद बनाकर बाबर ने एतिहासिक गलती की-हिंदू पक्षकार
मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कहा कि राम जन्मभूमि पर बाबरी मस्जिद बनाकर बाबर ने एतिहासिक गलती की थी। अब वक्त आ गया है कि कोर्ट उस गलती को सुधारे। हिंदू पक्ष ने ये भी कहा कि अयोध्या में 50-60 मस्जिदें हैं, जहां सुस्लिम नमाज पढ़ सकते हैं। लेकिन हिंदु समुदाय भगवान राम का जन्म स्थान नहीं बदल सकता। बुधवार यानि आज अंतिम सुनवाई में हिंदू पक्ष 45 मिनट और मुस्लिम पक्ष को एक घंटा पक्ष रखने का समय दिया गया है। 

महंत नृत्यगोपाल दास को मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा
राम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, राम विलास वेदांती समेत कई साधु-संतों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। महंत नृत्यगोपाल दास को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। 

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