Edited By Ramkesh,Updated: 08 Oct, 2025 01:45 PM

उत्तर प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा चुनावों की तैयारी के तहत मतदाता सूची को पूरी तरह पारदर्शी और अद्यतन बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। बिहार की तर्ज पर विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा चुनावों की तैयारी के तहत मतदाता सूची को पूरी तरह पारदर्शी और अद्यतन बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। बिहार की तर्ज पर विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस अभियान के तहत प्रदेश के हर मतदाता को गणना फॉर्म भरकर हस्ताक्षर करना अनिवार्य होगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग की ओर से तिथियों की घोषणा होते ही बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर गणना फॉर्म वितरित करेंगे। इस प्रक्रिया का उद्देश्य 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए त्रुटिरहित मतदाता सूची तैयार करना है।
2003 की मतदाता सूची होगी आधार
SIR अभियान में वर्ष 2003 की मतदाता सूची को आधार बनाया गया है। इसे मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तर प्रदेश की वेबसाइट (ceouttarpradesh.nic.in) पर अपलोड करने की प्रक्रिया जारी है। BLO प्रत्येक मतदाता को दो प्री-प्रिंटेड गणना फॉर्म देंगे, जिनमें से एक हस्ताक्षरित प्रति उन्हें वापस करनी होगी। यदि किसी मतदाता का नाम पहले से 2003 की सूची में है, तो केवल जानकारी सत्यापित कराना पर्याप्त होगा।
सत्यापन 2003 की सूची के आधार पर पूरा होगा
रिणवा ने कहा, “हम चाहते हैं कि BLO स्वयं 2003 की सूची से जानकारी निकालकर फॉर्म के साथ जोड़ दें, ताकि मतदाताओं को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।” अनुमान है कि 15.42 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 70 प्रतिशत का सत्यापन 2003 की सूची के आधार पर पूरा हो जाएगा।
अलग-अलग श्रेणियों के लिए नियम
2003 की सूची में दर्ज मतदाता: केवल सत्यापन पर्याप्त।
1 जुलाई 1987 से पहले जन्मे मतदाता: 11 मान्य दस्तावेजों में से कोई एक जमा करना आवश्यक। 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच जन्मे मतदाता: स्वयं का एक दस्तावेज और माता-पिता में से किसी एक का दस्तावेज आवश्यक।
2 दिसंबर 2004 के बाद जन्मे मतदाता: स्वयं और माता-पिता दोनों के दस्तावेज आवश्यक।
BLO को विशेष प्रशिक्षण
सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों और BLO को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि वे मतदाताओं को फॉर्म भरने में पूर्ण सहायता करें। साथ ही, राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) को भी शामिल किया जाएगा, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे। रिणवा ने कहा, “यह अभियान फर्जी वोटिंग पर रोक लगाने में मदद करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि हर पात्र मतदाता का नाम सूची में हो।”
युवाओं और ग्रेजुएट मतदाताओं पर फोकस
इस बार विशेष ध्यान 18-19 वर्ष के युवा मतदाताओं और स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों पर दिया जा रहा है। जो छात्र 1 नवंबर 2025 तक स्नातक होंगे, उन्हें विधान परिषद चुनावों के लिए पंजीकृत किया जाएगा। इसके लिए कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में जागरूकता शिविर आयोजित होंगे। अनुमान है कि इससे 10-12 लाख नए मतदाता जुड़ेंगे।
डिजिटल सुविधा और हेल्पलाइन
ग्रामीण क्षेत्रों में BLO की कमी और जागरूकता की समस्या को देखते हुए आयोग ने डिजिटल ऐप और हेल्पलाइन नंबर 1950 शुरू किया है। मतदाता अब अपने फॉर्म की स्थिति ऑनलाइन भी चेक कर सकेंगे। आयोग का दावा है कि यह प्रक्रिया मतदाता सूची को पहले से कहीं अधिक सटीक और पारदर्शी बनाएगी।