Edited By Ramkesh,Updated: 28 Nov, 2024 03:00 PM
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने प्रेस को जारी किए गए एक बयान में कहा कि संभल की जामा मस्जिद का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था, कि दरगाह ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी का मामला सामने आ गया है। कोर्ट...
बरेली ( मो0 जावेद खान): ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने प्रेस को जारी किए गए एक बयान में कहा कि संभल की जामा मस्जिद का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था, कि दरगाह ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी का मामला सामने आ गया है। कोर्ट में अर्जी गुजार ने दरगाह शरीफ के अंदर शिव मंदिर होने का दावा किया है, जो कि सरासर ग़लत और झूठ पर आधारित बात है।
चंद साम्प्रदायिक ताकतें माहौल को खराब करना चाहती है
मौलाना ने कहा कि चंद साम्प्रदायिक ताकतें देश के माहौल को खराब करना चाहती है। भारत में जब से सरकार के बनने का चलन शुरू हुआ, चाहे मुस्लिम हो या गैर मुस्लिम, सभी ने दरगाह अजमेर शरीफ पर चादर चढ़ाकर अपनी कामयाबी के लिए दुआएं की है। मुस्लिम बादशाहों, राजा व महाराजाओं ने दरगाह शरीफ की बिल्डिंग बनवाई। 2015 से खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी हर साल उर्स के मौके पर भारत सरकार की तरफ से चादर भेजकर अकीदत का नजराना पेश करते हैं।
सूफी विचारधारा एकता और अखंडता को कायम रखती है
मौलाना ने कहा ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दी हुई शिक्षा का नाम सूफी विचारधारा है, यही वो विचारधारा है जो एकता और अखंडता को कायम रख सकती है। ये दरगाह हिन्दू मुस्लिम एकजहयती का प्रतीक है, लोगों को ये बात समझ में आना चाहिए कि यहां पर हाजरी देने वाले मुसलमानों में 40 फीसद हिन्दू भाइयों की भागीदारी है। शिव मंदिर का दावा करने वाले लोग मुसलमानों के साथ हिन्दूओं को भी आहत कर रहे हैं।
मुश्किल घड़ी में बरेलवी मुस्लिम सूफी के साथ खड़े हैं
मौलाना ने आगे कहा कि दरगाह के लोगों के साथ विश्वभर के सुन्नी सूफी बरेलवी मुसलमान दरगाह के जिम्मेदारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं, इस मुश्किल घड़ी में बरेलवी मुस्लिम का मुकम्मल समर्थन दरगाह अजमेर शरीफ के साथ रहेगा। मौलाना बरेलवी ने कहा कि भारत सरकार ने सोमनाथ मन्दिर ट्रस्ट विरावल गुजरात और दरगाह ख्वाजा साहब अजमेर ट्रस्ट का गठन सालों पहले किया था, इन दोनों जगहों का संचालन भारत सरकार द्वारा नामित किए गए व्यक्तियों द्वारा होता है, तमाम लेखा जोखा भी भारत सरकार को सालाना उपलब्ध कराया जाता है।