किसान बिल के विरोध में सपा-बसपा, मायावती बाेलीं-किसानाें की सहमति के बगैर लिए फैसले से बसपा सहमत नहीं

Edited By Ajay kumar,Updated: 18 Sep, 2020 04:12 PM

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उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के अलावा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने संसद में पारित किसान संबंधी विधेयकों के पारित होने पर विरोध जताया है।

लखनऊः उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के अलावा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने संसद में पारित किसान संबंधी विधेयकों के पारित होने पर विरोध जताया है। 

बसपा सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट किया ‘‘ संसद में किसानों से जुड़े दो बिल, उनकी सभी शंकाओं को दूर किये बिना ही, कल पास कर दिये गये हैं। उससे बी.एस.पी. कतई भी सहमत नहीं है। पूरे देश का किसान क्या चाहता है। इस ओर केन्द्र सरकार जरूर ध्यान दे तो यह बेहतर होगा।''       

इसी प्रकार सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया ‘‘ भाजपा सरकार खेती को अमीरों के हाथों गिरवी रखने के लिए शोषणकारी विधेयक लाई है। ये खेतों की मेड़ तोड़ने का षड्यंत्र है और साथ ही एमएसपी सुनिश्चित करनेवाली मंडियों के धीरे-धीरे खात्मे का भी. भविष्य में किसानों की उपज का उचित दाम भी छिन जाएगा और वो अपनी ही ज़मीन पर मज़दूर बन जाएँगे।''

गौरतलब है कि लोकसभा में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक और कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक पारित किया गया जिसका पंजाब समेत देश के कुछ राज्यों में विरोध हो रहा है। इस बिल के विरोध में राजग के घटक दल की शिरोमणि अकाली दल की मंत्री हरमिरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया है हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट किया है कि बिल कृषि क्षेत्र में बिचौलियों की परंपरा को खत्म करेगा जिसका सीधा असर किसानो की आय पर पड़ेगा।   

उन्होने ट्वीट किया ‘‘ किसान और ग्राहक के बीच जो बिचौलिए होते हैं, जो किसानों की कमाई का बड़ा हिस्सा खुद ले लेते हैं। उनसे बचाने के लिए ये विधेयक लाए जाने बहुत आवश्यक थे। ये विधेयक किसानों के लिए रक्षा कवच बनकर आए हैं।''

 

 

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