प्रमाणपत्रों में फर्जीवाड़ा कर नौकरी पाने वाले प्रधानाचार्य की सेवाएं समाप्त

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 11 Jul, 2019 03:10 PM

services of the principal

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में प्रमाणपत्रों में हेरफेर कर नौकरी पाने वाले श्रीराम संस्कृत महाविद्यालय के प्रधानाचार्य को खुलासे के बाद तत्काल प्रभाव से पदमुक्त कर दिया गया है। विद्यालय प्रबंधक माधुरी तिवारी ने यह जानकारी देते हुए...

जौनपुरः उत्तर प्रदेश के जौनपुर में प्रमाणपत्रों में हेरफेर कर नौकरी पाने वाले श्रीराम संस्कृत महाविद्यालय के प्रधानाचार्य को खुलासे के बाद तत्काल प्रभाव से पदमुक्त कर दिया गया है। विद्यालय प्रबंधक माधुरी तिवारी ने यह जानकारी देते हुए गुरूवार को बताया कि संस्कृत महाविद्यालय के प्रधानाचार्य विनय दुबे के खिलाफ कुछ लोगो द्वारा शिकायत की गई।

इस पर 05 मई 2019 को प्रबन्ध समिति ने बैठक कर निर्णय लिया कि सभी शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों व अनुभव प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया जाय। विद्यालय प्रबंधन द्वारा प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए सम्बंधित विभागों को रजिस्ट्री पत्र भेजा गया, रजिस्ट्री पत्र वापस आने पर प्रबंधन समिति द्वारा सम्बंधित विद्यालय की जांच की गयी।

जांच में पता चला कि दुबे द्वारा एक कथित महाविद्यालय दुर्गा देवी संस्कृत महाविद्यालय का अनुभव प्रमाण पत्र लगाया है, उस नाम का कोई महाविद्यालय अस्तित्व में नही है। दुबे के द्वारा फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाने की जानकारी प्रबन्ध समिति को होते ही विद्यालय प्रबंधक ने उक्त प्रचार्य की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से निरस्त कर सम्बंधित विभाग को सूचित कर दिया है। प्रबंधक ने बताया कि उक्त प्राचार्य ने महविद्यालय में कागजातों की हेराफेरी कर लाखों रुपये का गबन किया है, जिसके सम्बंध में लिखित शिकायती प्रार्थना पत्र थाना बदलापुर और पुलिस अधीक्षक जौनपुर को देकर कारर्वाई की मांग की गयी है।






 

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