Edited By Mamta Yadav,Updated: 07 Jun, 2022 07:04 PM
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की तर्ज पर आम आदमी पार्टी (आप) की एक जुलाई से शुरू होने वाली ‘तिरंगा शाखा'' की लांचिंग की जानकारी साझा करते हुये पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मंगलवार को तंज कसा कि आरएसएस की शाखा में तिरंगे का उपयोग नहीं...
लखनऊ: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की तर्ज पर आम आदमी पार्टी (आप) की एक जुलाई से शुरू होने वाली ‘तिरंगा शाखा' की लांचिंग की जानकारी साझा करते हुये पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मंगलवार को तंज कसा कि आरएसएस की शाखा में तिरंगे का उपयोग नहीं होता और आज तक संघ प्रमुख का पद दलित और पिछड़ों को नहीं मिला।
सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रदेश में छह माह के भीतर 10 हजार शाखाओं का निर्माण किया जायेगा जिसकी शुरूआत एक जुलाई को होगी, जिसमें संविधान रचयिता बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के बारे में चर्चा की जायेगी, बाकी 30 मिनट में राष्ट्रीय मुद्दों पर राज्य के मुद्दों पर स्थानीय मुद्दों पर क्षेत्र में रचनात्मक कार्यों के निर्माण का संकल्प लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आरएसएस शाखा से आम आदमी पार्टी की तिरंगा शाखा अलग होगी। तिरंगा शाखा में जाति धर्म का भेद नहीं होगा। तिरंगा शाखा में कोई लिंग भेद भी नहीं होगा। महिला पुरुष में भेद नहीं होगा। आरएसएस की शाखा में तिरंगे का उपयोग नहीं होता। 52 साल तक उन्होंने तिरंगा झण्डा नहीं फहराया, आरएसएस की शाखा में माताएं बहनें नहीं जाती। आरएसएस का कोई प्रमुख आज तक दलित और पिछड़ा नहीं बना।
आप नेता ने कहा कि आरएसएस की शाखा से इस शाखा को मत जोड़यिें तिरंगा शाखा मुख्य रूप से देशभक्तों की शाखा है। तिरंगा शाखा राष्ट्र के देश की तरक्की के विषय में, महापुरुषों के जीवन के बारे में चर्चा करके देश के निर्माण के लिए काम करेगी।