Edited By Anil Kapoor,Updated: 18 Dec, 2025 02:13 PM

Rampur News: रामपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान को भड़काऊ भाषण के एक पुराने मामले में बरी कर दिया है। यह मामला साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान दर्ज......
Rampur News: रामपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान को भड़काऊ भाषण के एक पुराने मामले में बरी कर दिया है। यह मामला साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान दर्ज हुआ था। कोर्ट ने सबूतों के अभाव में आजम खान को दोषमुक्त करार दिया। अभियोजन और बचाव पक्ष की लंबी बहस सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुनाया। हालांकि, इस समय आजम खान एक अन्य मामले में मिली 7 साल की सजा के चलते रामपुर जेल में बंद हैं, जो उन्हें 17 नवंबर 2025 को सुनाई गई थी।
2019 लोकसभा चुनाव से जुड़ा है पूरा मामला
यह मामला 2019 के लोकसभा चुनाव के समय का है, जब आजम खान सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार थे। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने रामपुर स्थित सपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था। उसी भाषण को लेकर तत्कालीन कांग्रेसी नेता फैसल खान ‘लाला’ ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि आजम खान ने जिलाधिकारी और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए और कार्यकर्ताओं को हिंसा के लिए उकसाया। इसके आधार पर रामपुर शहर कोतवाली में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
सीडी में कथित बयान, कोर्ट ने नहीं माना पुख्ता सबूत
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से एक सीडी अदालत में पेश की गई थी। इस वीडियो में आजम खान पर आरोप था कि उन्होंने कहा था कि अधिकारी रामपुर को “खून से नहलाना चाहते हैं” और जिन जिलों में वे पहले तैनात रहे हैं, वहां कमजोर लोगों पर अत्याचार हुए हैं।हालांकि, कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और उपलब्ध साक्ष्यों की जांच के बाद यह माना कि आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त और ठोस सबूत नहीं हैं। इसी आधार पर आजम खान को इस मामले में बरी कर दिया गया।
जेल में बंद आजम खान के लिए कानूनी राहत
आजम खान के खिलाफ रामपुर में बड़ी संख्या में मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से कई अभी अदालतों में लंबित हैं। ऐसे समय में भड़काऊ भाषण के इस पुराने केस में बरी होना उनके लिए कानूनी रूप से बड़ी राहत माना जा रहा है। भले ही वे फिलहाल जेल में हैं, लेकिन इस फैसले को उनके समर्थक एक अहम जीत के तौर पर देख रहे हैं।