Edited By Imran,Updated: 23 Oct, 2024 01:03 PM
यूपी में होने वाले 9 सीटों पर उपचुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां कमर कसते हुए दिखाई दे रही हैं। इसी बीच सीएम योगी का एक नारा 'बटेंगे तो कटेंग' सियासी मुद्दा बन कर उभर रहा है। दरअसल, इस नारे की शुरूआत हरियाणा विधानसभा चुनाव में हुई थी जो अब यूपी...
लखनऊ: यूपी में होने वाले 9 सीटों पर उपचुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां कमर कसते हुए दिखाई दे रही हैं। इसी बीच सीएम योगी का एक नारा 'बटेंगे तो कटेंग' सियासी मुद्दा बन कर उभर रहा है। दरअसल, इस नारे की शुरूआत हरियाणा विधानसभा चुनाव में हुई थी जो अब यूपी से होते हुई अब महाराष्ट्र तक पहुंच गई है। वहीं, इस बयान को लेकर विपक्ष के बड़े-बड़े नेताओं के प्रतिक्रियां भी सामने आ रही है।
इस नारे को लेकर मैनपुरी से लोकसभा सदस्य डिंपल यादव ने मंगलवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का “बटोंगे तो कटोगे” बयान लोगों का ध्यान भटकाने के लिए है। पत्रकारों से बात करते हुए डिंपल ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता यह अच्छी तरह से जानती है कि “बटोंगे तो कटोगे” जैसे बयान लोगों का ध्यान भटकाने के लिए हैं और भविष्य में भी ऐसे बयान आएंगे।
उन्होंने कहा, “युवा पीढ़ी रोजगार चाहती है, महिलाएं, लड़कियां और बहनें सुरक्षा चाहती हैं। किसान उर्वरक चाहते हैं। इस तरह के बयानों का मतदाताओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यह लोगों को बांटने की इस सरकार की नकारात्मक सोच है” एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भाजपा ने लोकसभा चुनावों में भी सभी सीटें जीतने का दावा किया था, लेकिन जो हुआ, वह सबके सामने है।
योगी के बयान पर अखिलेश का पलटवार
सीएम योगी आदित्यनाथ के इस बयान पर अखिलेश यादव ने प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि यह नारा कोई साधारण नहीं है बल्कि इसे एक स्पेशल लैब में तैयार किया गया है। कार्यकर्ताओं में कंफ्यूज होने की जरूरत नहीं है। इसलिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से बेहतर इस नारे को कौन बोलता, क्योंकि उनकी छवि भी वैसी ही है। अगर वह कह रहे हैं कि 'बंटेंगे तो कटेंगे'। इसलिए पीडीए परिवार भी नहीं बंटेगा। वह नारा आपके लिए लगा रहे हैं कि पीडीए परिवार के लोग बंटना मत।