Edited By Ramkesh,Updated: 01 Aug, 2024 03:42 PM
उत्तर प्रदेश डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयान ने एक बार फिर यूपी में सियासी गर्मी बढ़ा दी है। दरअसल, पूर्व कैबिनेट मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा लगाने के लिए बनाए गए चबूतरे को प्रशासन ने बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया है। इसे लेकर मीडिया ने...
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयान ने एक बार फिर यूपी में सियासी गर्मी बढ़ा दी है। दरअसल, पूर्व कैबिनेट मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा लगाने के लिए बनाए गए चबूतरे को प्रशासन ने बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया है। इसे लेकर मीडिया ने जब डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य सवाल किया तो उन्होंने कहा कि ये गोरखपुर का मामला है इस पर गोरखपुर वाले ही जवाब देंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार से बड़ा संगठन होता है पार्टी फोरम पर यही बात करेंगे। विधानसभा सत्र में शामिल होने पहुंचे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा पार्टी फोरम पर यही बात होती है सरकार से बड़ा संगठन होता है।
दरअसल, पूर्वांचल की राजनीति में बाहुवली नेता के रूप में पहचान बनाने वाले उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा लगाने के लिए बनाए गए चबूतरे को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया इसके बाद से यूपी में सियासत गरमा गई है। वहीं पंडित हरिशंकर तिवारी के गांव वालों का कहना है कि पूर्व कैबिनेट मंत्री की प्रतिमा लगाने के लिए प्रस्ताव ग्राम पंचायत की भूमि प्रबंध समिति ने सर्वसम्मति से पारित किया था।
सरकारी भूमि पर बिना शासनादेश के मूर्ति को स्थापित किया जा रहा है
एसडीएम का कहना है कि राजा वशिष्ठ त्रिपाठी ने 21 जुलाई को इसके खिलाफ उच्चाधिकारियों को पत्र लिख कर शिकायत की थी। उन्होंने पत्र द्वारा अधिकारियों को बताया था कि सरकारी भूमि पर बिना शासनादेश के मूर्ति को स्थापित किया जा रहा है और मुख्य द्वार का भी नाम बदला जा रहा हैं। 5 अगस्त को उनकी प्रतिमा स्थापित होनी थीं भूमि प्रबंध समिति का प्रस्ताव लेकर प्रधान और गांव के अन्य लोग उप जिलाधिकारी के पास, लेकिन वहां प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं मिलने के बाद उन्होंने 29 जुलाई को जिलाधिकारी से मुलाकात की डीएम को उनके द्वारा ग्राम पंचायत और समिति का प्रस्ताव सौंपा गया और प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति मांगी।
SDM ने चबूतरे को बताया अवैध निर्माण
इस मामले में उपजिलाधिकारी राजू कुमार ने बताया की ग्राम सभा टांडा के राजा वशिष्ठ त्रिपाठी द्वारा शिकायत की गई थी. जिसमें बताया गया था कि ग्राम समाज की भूमि पर ग्राम प्रधान और कुछ गांव के लोगों द्वारा पंडित हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा स्थापित करने के लिए चबूतरा तैयार किया जा रहा है। इसका राजस्व के द्वारा जांच कराई जाए उन्होंने बताया कि राजस्व की जांच में अवैध निर्माण की पुष्टि होने पर ग्राम प्रधान को चबूतरा हटवाने को कहा गया था, लेकिन उन्होंने न तो काम रोका और न हीं चबूतरा हटवाया. जिस पर कार्रवाई करते हुए चबूतरे को ढहा दिया गया है।