Mahakumbh 2025: महाकुंभ में मिलेगी मुफ्त राशन की सुविधा, कल्पवासियों और श्रद्धालुओं के बनाए जाएंगे राशन कार्ड

Edited By Pooja Gill,Updated: 24 Oct, 2024 03:03 PM

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प्रयागराज: महाकुंभ-25 के दौरान मेला क्षेत्र में खाद्य एवं रसद विभाग श्रद्धालुओं एवं कल्पवासियों को दो बार मुफ्त में राशन उपलब्ध कराएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजना है कि मेला क्षेत्र में आने वाला कोई श्रद्धालु भूखा पेट नहीं सोएगा। इसके लिए...

प्रयागराज: महाकुंभ-25 के दौरान मेला क्षेत्र में खाद्य एवं रसद विभाग श्रद्धालुओं एवं कल्पवासियों को दो बार मुफ्त में राशन उपलब्ध कराएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजना है कि मेला क्षेत्र में आने वाला कोई श्रद्धालु भूखा पेट नहीं सोएगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मेला क्षेत्र में मुफ्त राशन की दो बार सुविधा उपलब्ध कराएगी। पूरे मेला क्षेत्र में स्थित सभी सेक्टर में 160 उचित मूल्य के राशन की दुकानें स्थापित की जाएंगी। कल्पवासियों और श्रद्धालुओं के राशन कार्ड बनाए जाएंगे। पहले से राशन कार्ड धारकों को भी राशन मिलेगा। करीब 2 लाख राशन कार्ड धारकों को इस सुविधा का लाभ मिलेगा।

दो लाख राशन कार्ड धारकों को मिलेगा लाभ
महाकुंभ के दौरान कई ऐसे श्रद्धालु आते हैं जो कई-कई दिनों तक मेला में प्रवास करते हैं, इन्हें कल्पवासी कहा जाता है। ये अपना भोजन स्वयं पकाते हैं। इनकी सुविधा के लिए खाद्य एवं रसद विभाग की ओर से पूरे मेला क्षेत्र के सभी सेक्टर में उचित दर वाली कुल 160 राशन की दुकानें स्थापित की जा रही हैं। जहां न सिर्फ इनका राशन कार्ड बनाया जाएगा, बल्कि इन्हें राशन की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। जिनके पास पहले से ही राशन कार्ड है, उन्हें भी सुविधा प्राप्त होगी। 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ मेले में करीब दो लाख राशन कार्ड धारकों को इस सुविधा का लाभ मिलेगा। इससे करीब 10 लाख लोग लाभान्वित होंगे। मेला क्षेत्र में बड़ी संख्या में भंडारों का भी आयोजन होगा, राशन के भंडारण के लिए पांच गोडाउन भी स्थापित होंगे। पूरी परियोजना पर सरकार 43 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि की खर्च करेगी।

श्रद्धालुओं उपलब्ध कराया जाएगा खाद्यान्न, चीनी एवं रसोई गैस
इस परियोजना के अनुसार कल्पवासियों एवं श्रद्धालुओं को खाद्यान्न, चीनी एवं रसोई गैस उपलब्ध कराया जाएगा। एलपीजी सिलेंडरों की बिक्री के लिए अलग से आउटलेट्स लगाए जाएंगे। 10 लाख स्थायी आबादी के अतिरिक्त अस्थायी आबादी के भोजन के लिए भंडारों का आयोजन किया जाएगा, जहां प्रतिदिन राशन की आपूर्ति की जाएगी। एक अनुमान के अनुसार, एक राशन कार्ड में पांच लोग होते हैं तो इस लिहाज से दो माह में तकरीबन दो लाख राशन कार्ड की आवश्यकता होगी। इस सुविधा का लाभ बड़े अखाड़ों और शिविरों में रहने वाले श्रद्धालुओं और कल्पवासियों को भी मिलेगा। परियोजना के तहत राशन कार्ड धारक को तीन किलो प्रति व्यक्ति के हिसाब से गेहूं/आटा प्रदान किया जाता है, जबकि प्रति व्यक्ति दो किलो चावल (फोर्टिफाइड) की आपूर्ति होगी। इसी तरह दो किलो चीनी (प्रति व्यक्ति), दो लीटर मिट्टी का तेल (प्रति राशन कार्ड) और एक डॉमेस्टिक गैस कनेक्शन प्रदान किया जाता है। डोमेस्टिक गैस कनेक्शन को एक बार रिफिल कराने की भी सुविधा मिल सकती है। 

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