Mahakumbh 2025: महाकुंभ में कर्मचारियों की लगेगी डिजिटल अटेंडेंस, AI बेस्ड मोबाइल ऐप के विकास की प्रक्रिया शुरू

Edited By Pooja Gill,Updated: 13 Jul, 2024 03:22 PM

mahakumbh 2025 digital attendance of employees

Mahakumbh 2025: अगले साल 14 जनवरी से शुरु होने वाले महाकुंभ मेला 2025 के आयोजन को लेकर विभिन्न प्रकार की तैयारियां शुरू कर दी हैं। विश्व भर से इस विराट आयोजन में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की सुविधा में प्रदेश भर से बड़ी संख्या...

Mahakumbh 2025: अगले साल 14 जनवरी से शुरु होने वाले महाकुंभ मेला 2025 के आयोजन को लेकर विभिन्न प्रकार की तैयारियां शुरू कर दी हैं। विश्व भर से इस विराट आयोजन में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की सुविधा में प्रदेश भर से बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों की तैनाती होगी। ऐसे में, उनकी दैनिक उपस्थिति को सुनिश्चित करने और रियल टाइम एसेसमेंट करने के लिए सरकार आटिर्िफशियल इंटेलिजेंस का सहारा लेने जा रही है। सूत्रों ने बताया कि महाकुंभ मेले में सेवाएं देने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम का विकास किया जाएगा, जो फेशियल रिकग्नीशन बेस्ड मोबाइल ऐप के जरिए काम करेगा। इस ऐप को एंड्रॉयड व आईओएस फॉर्मेट पर कार्य करने के लिए विकसित किया जाएगा।

8 महीने के प्रोजेक्ट पीरियड के लिए संचालित होगी योजना
यह योजना 8 महीने के प्रोजेक्ट पीरियड के लिए संचालित होगी, जिसके विकास के लिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण की जरूरतों के हिसाब से उत्तर प्रदेश सिस्टम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीडेस्को) ने तैयारी शुरू कर दी है। यूपीडेस्को ने महाकुंभ मेला-2025 में सेवाएं देने वाले विभिन्न सरकारी महकमों के कर्मचारियों-अधिकारियों के रेगुलर अटेंडेंस के लिए एआई बेस्ड मोबाइल ऐप के विकास की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए शॉर्ट टर्म नोटिस यूपीडेस्को द्वारा जारी किया गया है। यूपीडेस्को में पहले से इंपैनल्ड कंपनियों को चयनित कार्यावंटन होगा जिसके बाद उसे सिस्टम व ऐप के डेवलपमेंट, टेस्टिंग, ऑपरेशन व मेन्टीनेन्स प्रक्रिया को पूर्ण करना होगा। इस प्रक्रिया को 4 चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में किक ऑफ प्रेजेंटेशन व टीम मोबिलाइजेशन प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इस प्रक्रिया को कार्यावंटन के बाद सात दिनों के भीतर पूरा करना होगा। वहीं दूसरे चरण में डिजाइन, डेवलपमेंट, इंप्लिमेंटेशन, कॉन्फिगरेशन व तथा एप्लिकेशन की टेस्टिंग प्रक्रिया को भी पूर्ण किया जाएगा। इस कार्य को पूरा करने के लिए 15 दिन का लक्ष्य रखा गया है।

मोबाइल ऐप के विकास के बाद इस प्रक्रिया को किया जाएगा पूरा  
इस प्रक्रिया में इंसेप्शन रिपोर्ट, प्रोजेक्ट प्लान, सॉफ्टवेयर रिक्वायरमेंट स्पेसिफिकेशन (एसआरएस), कैपेसिटी बिल्डिंग प्लान, केस टेस्टिंग, कॉन्फिगरेशन रिपोर्ट, डिप्लॉयमेंट, टेस्टिंग व कमीशनिंग प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। मोबाइल ऐप के विकास के बाद डिप्लॉयमेंट, टेस्टिंग व कमीशनिंग प्रक्रिया को पूरा करने के बाद गो लाइव रिपोर्ट व यूजर एक्सेप्टेंस टेस्टिंग (यूएटी) प्रक्रिया पूरी होने के बाद ऐप रोल आउट होगा। कार्यावंटन के बाद 25 दिनों के भीतर निर्धारित एजेंसी को इस प्रक्रिया को पूरा करने की डेडलाइन रखी गई है। इसके बाद, चौथी प्रक्रिया के तौर पर रेगुलर ऑपरेशन व मेन्टीनेन्स प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। इस प्रक्रिया को मासिक या फिर आवश्यकता अनुसार पूरा किया जाएगा। साथ ही, पाक्षिक तौर पर प्रोग्रेस रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी। इश्यू लॉगिंग व रेजोल्यूशन रिपोर्ट के आधार पर भी कार्रवाई की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। कस्टमाइज्ड एमआईएस रिपोर्ट, अटेंडेंस मॉनिटरिंग रिपोर्ट तथा नोटिफिकेशन व अलटर् रिपोर्ट प्रक्रिया को भी पूर्ण किया जाएगा।
 

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