Edited By Anil Kapoor,Updated: 19 Mar, 2023 12:54 PM
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में फिरोजाबाद (Firozabad) विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट इफराक अहमद (Ifraq Ahmed) ने 18 वर्ष पुराने मामले में दलित किशोरी (Dalit girl) के साथ सामूहिक दुष्कर्म (Gangrape) के दो आरोपियों को आजीवन कारावास (Life imprisonment)...
फिरोजाबाद(अरशद अली): उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में फिरोजाबाद (Firozabad) विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट इफराक अहमद (Ifraq Ahmed) ने 18 वर्ष पुराने मामले में दलित किशोरी (Dalit girl) के साथ सामूहिक दुष्कर्म (Gangrape) के दो आरोपियों को आजीवन कारावास (Life imprisonment) एवं दोनों पर 2 लाख 10 हजार रूपए का जुर्माना (Fine) लगाया। जुर्माना अदा न करने पर प्रत्येक को 13 महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। जुर्माने की समस्त धनराशि पीड़िता को दिए जाने का आदेश पारित किया गया है।
पहले तमंचे की नोक पर अपहरण फिर खंडहर में ले जाकर किया सामूहिक दुष्कर्म
जानकारी के मुताबिक, मामला थाना शिकोहाबाद का है। जहां मोहल्ला काजी टोला निवासी अमित उर्फ पोपल एवं मौहल्ला पड़ाव निवासी जाहिद दिनांक 17 जनवरी 2007 रात्रि करीब 9 बजे अनुसूचित जाति की 13 वर्षीय किशोरी को उसके दरवाजे से तमंचे की नोंक पर जबरिया उठा ले गए और मोहल्ले में ही खण्डहर में ले जाकर सामूहिक रूप से दुष्कर्म किया। मोहल्ले वालों के सहयोग से तलाश किया तो 11 रात्रि बजे किशोरी बेहोशी की अवस्था में मिली। होश आने पर उसने घटना के बारे में परिजनों को बताया।
जिसके बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर दोनों आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया। मुकदमे की सुनवाई एवं निस्तारण विशेष न्यायाधीश एससीएसटी कोर्ट इफराक अहमद की न्यायालय में की गई। अभियुक्तों ने आरोप से इनकार करते हुए सत्र परीक्षण की मांग की। न्यायालय में तमाम गवाहों ने ब्यान दिए। अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक नरेन्द्र सिंह सोलंकी ने केस को साबित करने के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय की तमाम नजीरें पेश करते हुए कड़ी से कड़ी सजा की मांग की। न्यायाधीश इफराक अहमद ने पत्रावली पर उपलब्ध तमाम साक्ष्य एवं गवाहों के ब्यानों का गहनता से अध्यन करने के बाद अमित उर्फ पोपल एवं जाहिद को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं 2 लाख दस हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई।
झूठी गवाही देने वाले दो गवाहों पर कार्रवाई
फिरोजाबाद विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट इफराक अहमद ने अपने निर्णय में झूठी गवाही देने वाले दो गवाहों पर कार्रवाई करने का भी आदेश पारित किया है। न्यायाधीश ने कहा है कि गवाह मुन्ना पेन्टर एवं सूबेदार सिंह द्वारा मिथ्या साक्ष्य दी गई और पक्षद्रोही घोषित किया गया है। उनके विरूद्व मिथ्या साक्ष्य न्यायालय में दिए जाने के कारण धारा 344 दण्ड प्रक्रिया संहित के तहत विधिक वाद दर्ज हो तथा उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी हो।