प्रदूषण से फुला कानपुर वासियों का दम, 483 तक पहुंचा AQI लेवल

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 08 Nov, 2021 01:45 PM

kanpur residents suffocated due to pollution aqi level reached 483

उत्तर प्रदेश के कानपुर वासियों को अपने ही जिले की हवा में सांस लेना मुश्किल हो गया है। यहां की एक्यूआई लेवल बद से बदतर हो गई है। वहीं, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों पर गौर करें तो कानपुर में एक्यूआई 483 तक पहुंच गया है।

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर वासियों को अपने ही जिले की हवा में सांस लेना मुश्किल हो गया है। यहां की एक्यूआई लेवल बद से बदतर हो गई है। वहीं, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों पर गौर करें तो कानपुर में एक्यूआई 483 तक पहुंच गया है।  

बता दें कि अबतक का सबसे ज्यादा प्रदूषित हवा दिल्ली के पंजाबी बाग में दर्ज किया गया था। सीपीसीबी के अनुसार, पंजाबी बाग में 411 एक्यूआई लेवल थी, जो कि बेहद खतरनाक माना जा रहा था, लेकिन कानपुर की एयर क्वालिटी इंडेक्स 483 पहुंच गई है। जिससे लोगों को सांस लेने में काफी मुश्किलें हो रही है

एयर क्वालिटी मानक
एक्यूआई लेवल 0-50 के बीच हो, तो उस हवा को सांस लेने योग्य हवा मानी जाती है। वहीं, 51-100 के बीच हो, तो उसे संतोषजनक हवा के रुप में माना जाता है। अगर 101-200 के बीच होता है तो अस्थमा रोगियों के लिए नुकसानदायक होता है। 201-300 के बीच की हवा को पुअर हवा माना जाता है। इस एक्यूआई लेवल में लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। सबसे अधिक खतरनाक हवा 401-500 के बीच की होती है, जो मनुष्य पर बुरा प्रभाव डालती है।

कानपुर के इन जगहों पर एक्यूआई लेवल अधिक है
जिले के नेहरू नगर में एक्यूआई लेवल 483 तक पहुंच गई है। एनएसआई में 392 है तो वहीं, किदवई नगर में 408 है, जो कि पुअर वायु के अंतर्गत आता है। इस हवा में साँस लेना मुश्किल होता है।

प्रदेश के इन जिलों में वायु प्रदूषण
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के अलावा आगरा में 454, लखनऊ में 441, मेरठ में 409, प्रयागराज में 380, वाराणसी में 344 और गोरखपुर में 351 एक्यूआई लेवल पहुंच गई है।

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