Edited By Ramkesh,Updated: 02 Jul, 2025 06:21 PM

उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों के विलय के आदेश को लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में याचिकाएं दायर की गई हैं। याचिकाकर्ताओं ने इस आदेश को शिक्षा के अधिकार कानून का उल्लंघन बताया है और इसे तत्काल रद्द करने की मांग की है। अदालत इस मामले की सुनवाई 3...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों के विलय के आदेश को लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में याचिकाएं दायर की गई हैं। याचिकाकर्ताओं ने इस आदेश को शिक्षा के अधिकार कानून का उल्लंघन बताया है और इसे तत्काल रद्द करने की मांग की है। अदालत इस मामले की सुनवाई 3 जुलाई, गुरुवार को करेगी।
कंपोजिट स्कूलों में मर्ज करने की योजना
सीतापुर के 51 बच्चों ने इस संबंध में पहली याचिका दाखिल की है, जिसमें राज्य सरकार के 16 जून को जारी आदेश को चुनौती दी गई है। इस आदेश के तहत प्राथमिक स्कूलों को बच्चों की संख्या के आधार पर नजदीकी उच्च प्राथमिक या कंपोजिट स्कूलों में मर्ज करने की योजना बनाई गई है।
RTE Act की भावना के विरुद्ध
दूसरी ओर, एक अन्य याचिका में भी इसी आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि इससे छोटे बच्चों को स्कूल तक पहुँचने में कठिनाई होगी, जिससे उनकी शिक्षा प्रभावित हो सकती है। याचियों का कहना है कि यह प्रक्रिया "मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा कानून" (RTE Act) की भावना के विरुद्ध है।
3 जुलाई को होगी मामले की सुनवाई
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. एल.पी. मिश्र और गौरव मेहरोत्रा अदालत में पेश हुए, जबकि राज्य सरकार की तरफ से मुख्य स्थाई अधिवक्ता शैलेन्द्र कुमार सिंह ने पक्ष रखा। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 3 जुलाई की तिथि निर्धारित की है।