CM योगी की पहल - गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की हर बच्चे तक पहुंच सुनिश्चित हो... अभिभावकों पर आर्थिक बोझ कम हो

Edited By Ramkesh,Updated: 04 Jul, 2025 08:00 PM

cm yogi s initiative  quality education should be ensured for every

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य में अनुदानित प्राथमिक विद्यालयों को और सुदृढ़ करने की पहल की है। शुक्रवार को यहां जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी। उत्तर प्रदेश में इस समय 448 अनुदानित प्राथमिक...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य में अनुदानित प्राथमिक विद्यालयों को और सुदृढ़ करने की पहल की है। शुक्रवार को यहां जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी। उत्तर प्रदेश में इस समय 448 अनुदानित प्राथमिक विद्यालय बेसिक शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त और समाज कल्याण विभाग से अनुदान प्राप्त कर संचालित हो रहे हैं। इन विद्यालयों का प्राथमिक उद्देश्य समाज के सबसे कमजोर वर्गों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है। इनमें विशेष रूप से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों के बच्चे शामिल हैं। 

विद्यालयों को और मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठा रही सरकार 
राज्य सरकार इन विद्यालयों को और मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठा रही है, ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की हर बच्चे तक पहुंच सुनिश्चित हो सके। बयान के अनुसार अनुदानित प्राथमिक विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक शिक्षण विधियों, बेहतर बुनियादी ढांचे और प्रशिक्षित शिक्षकों की उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इन विद्यालयों में पाठ्यपुस्तकें, यूनिफॉर्म और अन्य शैक्षिक सामग्री भी निःशुल्क प्रदान की जाती है, जिससे बच्चों के अभिभावकों पर आर्थिक बोझ कम हो।

बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए एक मंच हो 
प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि इन विद्यालयों को न केवल शिक्षा का केंद्र बनाया जाए, बल्कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए एक मंच के रूप में स्थापित किया जाए। समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण के हवाले से एक बयान में कहा गया कि सरकार की प्राथमिकता है कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचे। उन्होंने कहा कि अनुदानित प्राथमिक विद्यालयों के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि अनुसूचित जाति, जनजाति और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को समुचित शैक्षणिक संसाधन मिले। 

 शिक्षा की गुणवत्ता में कोई कमी न रहे
अरुण ने कहा, ''इन विद्यालयों में पारदर्शिता, जवाबदेही और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए लगातार निगरानी की जा रही है। हमारा प्रयास है कि शिक्षा के क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश एक उदाहरण बने।'' इन विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती और प्रशिक्षण प्रक्रिया को भी और सशक्त किया जा रहा है, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में कोई कमी न रहे। उन्होंने कहा कि अनुदानित विद्यालयों के माध्यम से अनुसूचित जाति/जनजाति और गरीबी रेखा से नीचे के बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ा जा रहा है। यह न केवल उनकी शैक्षिक प्रगति को सुनिश्चित करता है, बल्कि उनके आत्मविश्वास और भविष्य की संभावनाओं को भी मजबूत करता है। सरकार की यह नीति 'सबको शिक्षा, सबका सम्मान' के सिद्धांत को साकार कर रही है।
 

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