Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 04 Jan, 2021 10:48 AM
कोरोना की मार से घायल आम आदमी की कमर को महंगाई तोड़ने को तैयार है। सरसों की फसल खराब होने से इसकी कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। लिहाजा खाद्य तेलों में गिरावट के विपरीत...
गोरखपुरः कोरोना की मार से घायल आम आदमी की कमर को महंगाई तोड़ने को तैयार है। सरसों की फसल खराब होने से इसकी कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। लिहाजा खाद्य तेलों में गिरावट के विपरीत इस बार कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। कोल्हू वाला सरसों का तेल 160 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है।
बता दें कि तीन महीने पहले 4200 से लेकर 4500 रुपये प्रति कुंतल तक बिकने वाला सरसों वर्तमान में 7500 से 7700 रुपये प्रति कुंतल तक बिक रहा है। जानकारों का कहना है कि ऐसे में 150 रुपये प्रति किलो से कम कीमत पर बिकने वाला सरसों का तेल शुद्ध हो ही नहीं सकता। महीने भर पहले 145 रुपये प्रति लीटर की दर से बिकने वाला कोल्हू का तेल वर्तमान में 160 रुपये तक पहुंच गया है। सोयाबीन, मूंगफली, ब्रान से लेकर सूर्यमुखी के तेल की कीमतों में भी उछाल आया है।
मोहद्दीपुर में कोल्हू का तेल बेचने वाले महेश अग्रवाल का कहना है कि ‘160 रुपये प्रति लीटर की बिक्री पर 5 रुपये की बचत होगी। महंगाई अभी कम नहीं होने वाली है। फरवरी के दूसरे पखवाड़े तक नई फसल आने के बाद ही सरसों की तेल की कीमतें कम होंगी। इस बार अच्छी पैदावार की उम्मीद है हालांकि 15 फरवरी तक लोगों को महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी।’