महोबा में धूमधाम से शुरु हुआ ऐतिहासिक कजरी मेला, ये है मान्यता

Edited By Mamta Yadav,Updated: 12 Aug, 2022 08:41 PM

historical kajri fair started with pomp in mahoba this is the belief

बारहवीं शताब्दी में चन्देल राजवंश के गौरवशाली अतीत की झलक पेश करते बुंदेलखंड में महोबा का ऐतिहासिक कजली मेला पूरी भव्यता के साथ शुक्रवार को शुरू हो गया। इस अवसर पर यहां आकर्षक शोभायात्रा निकाली गई।

महोबा: बारहवीं शताब्दी में चन्देल राजवंश के गौरवशाली अतीत की झलक पेश करते बुंदेलखंड में महोबा का ऐतिहासिक कजली मेला पूरी भव्यता के साथ शुक्रवार को शुरू हो गया। इस अवसर पर यहां आकर्षक शोभायात्रा निकाली गई। मेले में जुटी भारी भीड़ ने कीरतसागर सरोवर में कजली विसर्जन कर प्राचीन परंपरा का निर्वाह किया। दिल्ली नरेश पृथ्वीराज चौहान व चन्देल सेनाओं के मध्य सन 1182 में लड़े गए ऐतिहासिक किरतुआ के युद्ध की याद में महोबा का कजली मेला प्रतिवर्ष विजय उत्सव के रूप में आयोजित होता है। यह उत्तर भारत के सबसे प्राचीन एवं विशाल ग्रामीण मेले के रूप में विख्यात है।

बुंदेलों की आन-बान-शान के प्रतीक इस मेले का शुभारंभ हमीरपुर महोबा संसदीय क्षेत्र के सांसद पुष्पेंद्र सिंह चन्देल और जिलाधिकारी मनोज कुमार ने संयुक्त रूप से हवेली दरवाजा शहीद स्थल पर फीता काटकर किया। जिसके उपरांत हाथी, घोड़ा, ऊंट, बैंडबाजों और आकर्षक झांकियों से सुसज्जित कजली की शोभायात्रा निकाली गयी। हाथी पर वीर आल्हा और बेंदुला अश्व में सवार वीर ऊदल के साथ कजली विसर्जन को सहेलियों संग जाती राजकुमारी चंद्रावल की भव्य झांकी के अतिरिक्त यहां ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में सजाई गई।       

सैकड़ों की संख्या में झांकियों के साथ लोकवाद्य यंत्रों की मधुर धुनों पर लोक कलाकारों के मनोहारी नृत्य शोभायात्रा में विशेष आकर्षण के केंद्र रहे। कजली के पर्णपात्र अपने सिर पर धारण करके निकले महिलाओं के समूह का नगर पालिका परिषद की चेयरमेन दिलाशा तिवारी ने खुद नेतृत्व किया। लगभग डेढ़ किलो मीटर के निर्धारित रुट में नगर के मुख्य मार्गों से गुजरते समय सड़क के दोनों ओर मौजूद विशाल जन समूह ने पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत अभिनंदन किया। इसका समापन कीरत सागर में हुआ जहां विशाल भीड़ ने कजली विसर्जन किया।       

कजली मेला का आयोजन महोबा नगर पालिका परिषद करती है। परिषद के अधिशाषी अधिकारी अवधेश कुमार यादव ने बताया कि शोभायात्रा के साथ ही एक सप्ताह तक चलने वाले मेला शुरु हुआ है। महोबा संरक्षण एवम विकास समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि 12 से 19 अगस्त तक चलने वाले कजली मेले में दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय विकास प्रदर्शनी के साथ जन सामान्य के मनोरंजन के लिए दंगल, झूला, खेल तमाशा एवं विभिन्न प्रकार के स्टाल के अतिरिक्त सांस्कृतिक मंच सजाया गया है। इसके अलावा मेले में क्षेत्रीय प्रतिभाओं के साथ राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों के कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। इसकी शुरुआत आल्हा गायन से हुई। इसमें दूर दूर से आये बुंदेली, अवधी और कन्नौजी आदि विविध शैलियों के सुप्रसिद्ध आल्हा गायकों ने अपना कार्यक्रम प्रस्तुत किया।

पुलिस अधीक्षक सुधा सिंह ने बताया कि भारी भीड़ के मद्देनजर व्यापक सुरक्षा प्रबंध किये गये हैं। मेले में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने तथा आपराधिक तत्वों पर नजर रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस जवानों को सादी वर्दी में तैनात किया गया था। इसके अलावा पुलिस करीब डेढ़ किमी क्षेत्रफल वाले मेला परिसर की सीसीटीवी कैमरे से निगरानी कर रही है। मेला परिसर में अस्थाई पुलिस चौकी के साथ कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है।

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