Gonda Rail Accident: गोंडा ट्रेन हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 4 हुई, जिला प्रशासन ने की पुष्टि

Edited By Pooja Gill,Updated: 19 Jul, 2024 03:13 PM

gonda rail accident death toll in gonda

गोंडा: उत्तर प्रदेश के गोंडा में चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के पटरी से उतरने की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गई है, जबकि 31 लोग घायल हैं। बृहस्पतिवार दोपहर, पूर्वोत्तर रेलवे के गोंडा-गोरखपुर रेल खंड पर मोतीगंज और झिलाही...

गोंडा: उत्तर प्रदेश के गोंडा में चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के पटरी से उतरने की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गई है, जबकि 31 लोग घायल हैं। बृहस्पतिवार दोपहर, पूर्वोत्तर रेलवे के गोंडा-गोरखपुर रेल खंड पर मोतीगंज और झिलाही रेलवे स्टेशन के बीच ट्रेन के आठ डिब्बे पटरी से उतर गए थे। गोंडा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कहा, ‘अब तक चार यात्रियों की मौत हो चुकी है और 31 घायल हैं। घायलों में से करीब छह की हालत गंभीर है।'' मृतकों में राहुल (38), सरोज कुमार सिंह (31) तथा दो अज्ञात शामिल हैं। अज्ञात में से एक का शव आज सुबह बरामद किया गया। घायलों को अलग-अलग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

क्षतिग्रस्त कोचों को हटाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी
जिलाधिकारी ने बताया कि गंभीर रूप घायल दो यात्रियों का उपचार लखनऊ के ट्रामा सेंटर में किया जा रहा है। दुर्घटना के कुछ घंटों बाद बृहस्पतिवार रात जब चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के 600 यात्रियों को एक विशेष ट्रेन से असम के लिए रवाना किया गया, वह उस समय मनकापुर जंक्शन पर मौजूद थीं। अधिकारी ने बताया कि उन्होंने कई यात्रियों से बातचीत की और उनमें से किसी ने भी अपने सहयोगी के लापता होने की शिकायत नहीं की। मुख्य संरक्षा आयुक्त के नेतृत्व में घटनास्थल पर पहुंची टीम ने हादसे की जांच शुरू कर दी है और टीम ने मौके से रेल की पटरी में प्रयुक्त लोहे और आसपास की मिट्टी के नमूने एकत्र किए हैं। इस बीच, पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबंधक सौम्या माथुर की मौजूदगी में रेल यातायात बहाल करने के लिए मरम्मत और क्षतिग्रस्त कोचों को घटनास्थल से हटाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है।

मरम्मत कार्य में जुटे 800 कर्मचारी
जानकारी के अनुसार, आज सुबह से ही लगभग 800 कर्मचारी मरम्मत कार्य में जुटे हुए हैं और उम्मीद जताई कि आज देर शाम तक रेल सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी। गैस कटर के माध्यम से डिब्बों को काटकर अलग कर दिया गया है जबकि पलटे हुए डिब्बों को जेसीबी और क्रेन के माध्यम से हटाने का काम जारी है।  हादसे में पूरी तरह उखड़ चुकी रेल की पटरियों को नए सिरे से बिछाने की तैयारी की जा रही है। गोंडा-गोरखपुर रेलखंड पूरी तरह विद्युतीकृत है और हादसे में बिजली के खंभे तथा तार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं जिन्हें नए सिरे से स्थापित किए जाने का कार्य जारी है।
 

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