Edited By Anil Kapoor,Updated: 13 Sep, 2018 02:41 PM
देश में मंदिर और मस्जिद को लेकर जारी बहस के बीच उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में दोनों समुदायों के लोगों ने समझदारी की मिसाल पेश करते हुए एक पुल के निर्माण के लिए अपनी-अपनी इबादतगाहों को दूसरे स्थान पर ले जाने पर रजामंदी दे दी।
लखनऊ: देश में मंदिर और मस्जिद को लेकर जारी बहस के बीच उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में दोनों समुदायों के लोगों ने समझदारी की मिसाल पेश करते हुए एक पुल के निर्माण के लिए अपनी-अपनी इबादतगाहों को दूसरे स्थान पर ले जाने पर रजामंदी दे दी। करीब 14 साल से लंबित इस पुल के निर्माण के लिए हिन्दुओं और मुसलमानों ने आपसी रजामंदी से 2 मंदिरों, 7 मजारों और 1 मस्जिद को दूसरे स्थान पर ले जाने का फैसला किया। इसके अलावा फ्लाईओवर के निर्माण के लिए रास्ते में पड़ रही दरगाह की एक दीवार को भी आपसी सहमति से गिरवा दिया गया।
जालौन के पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि कानपुर-झांसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर कालपी खंड के बीच यातायात को सुगम बनाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को डेढ़ किलोमीटर लम्बा उपरिगामी सेतु बनाना था लेकिन पुल के निर्माण से पहले उसके एक तरफ उसे साढ़े 5 मीटर की सर्विस रोड बनाने के लिए मुश्किल का सामना करना पड़ा क्योंकि इसके रास्ते में 2 मंदिर, 7 मजारें और 1 मस्जिद पड़ रही थी। इसी कारण पिछले 14 साल से काम अटका हुआ था।
उन्होंने बताया कि मौजूदा जिला प्रशासन और पुलिस तंत्र ने मसला सुलझाने के लिए हिन्दुओं और मुसलमानों समेत सभी पक्षकारों के साथ कई दौर की बातचीत की। इस दौरान यह रजामंदी बन गई कि विकास कार्य के लिए इन इबादतगाहों को दूसरे स्थानों पर ले जाया जाएगा। इस पर 8 सितंबर को काम हुआ। चतुर्वेदी ने बताया कि रास्ते में पड़ रहा एक शिव मंदिर हटाया जा चुका है जबकि एक दुर्गा मंदिर के गर्भगृह को नया मंदिर बनते ही प्रतिमाओं के साथ वहां प्राण-प्रतिष्ठित कर दिया जाएगा। जिस जगह नया मंदिर बनेगा, उसे चिह्नित भी कर लिया गया है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा सातों मजारों को भी स्थानांतरित किया गया है। इसके लिए पहले से ही ताबूत मंगवाए गए थे। एक मस्जिद को भी दूसरे स्थान पर ले जाया गया है। यह पूरा कार्य ‘ऑपरेशन सहयोग’ के तहत किया गया। इस बीच, जालौन के जिलाधिकारी मन्नान अख्तर ने बताया कि सभी धार्मिक स्थलों को एक ही दिन विस्थापित किया गया, जिसमें दोनों समुदायों के लोगों ने सहयोग किया।