दिव्यांग पति को पीठ पर लादने के मामले का डिप्टी CM ब्रजेश पाठक ने लिया संज्ञान, डॉक्टर समेत 3 पर गिरी गाज

Edited By Mamta Yadav,Updated: 06 Mar, 2025 10:06 PM

deputy cm took cognizance of the case of loading the disabled husband

जनपद के सीएमओ ऑफिस में सोमवार को एक महिला ने अपने दिव्यांग पति को पीठ पर लादकर विकलांग सर्टिफिकेट बनवाने पहुंची थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। बात जब डिप्टी सीएम स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक तक पहुंची तो उन्होंने इस मामले में जांच...

Raebareli News, (शिवकेश सोनी): जनपद के सीएमओ ऑफिस में सोमवार को एक महिला ने अपने दिव्यांग पति को पीठ पर लादकर विकलांग सर्टिफिकेट बनवाने पहुंची थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। बात जब डिप्टी सीएम स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक तक पहुंची तो उन्होंने इस मामले में जांच के आदेश दिए। जिसमें आज उन्होंने बड़ी कार्यवाही करते हुए अपने फेसबुक एकाउंट पर लिखा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी, कार्यालय, रायबरेली में एक महिला द्वारा अपने दिव्यांग पति को पीठ पर ले जाते हुए वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए मेरे द्वारा दिये गए आदेश के क्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, रायबरेली द्वारा तीन सदस्यीय टीम गठित कर जाँच करायी गई। जांचोपरांत उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी/नोडल जिला दिव्यांग बोर्ड तथा डाटा इंट्री ऑपरेटर को स्थानांतरित कर दिया गया है तथा क्लीनर/चतुर्थ श्रेणी को निलंबित करते हुए CHC बेलाभेला से संबद्ध कर दिया गया है। जनमानस की सेवा एवं विभागीय कर्तव्यों का पालन गंभीरता एवं निष्ठा पूर्वक करें, पालन न करने वाले किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को क्षमा नहीं किया जाएगा।
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क्या था पूरा मामला ?
बता दें कि मामला सोमवार का है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के बगल में बने कार्यालय पर दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने का साप्ताहिक दिन सोमवार निर्धारित किया गया है। गांव में कार्यालय के पते की पूछताछ के बाद बहादुर महिला ने स्वयं पति को ले जाकर दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने का निर्णय लिया और पूछते-पूछते सीएमओ ऑफिस पहुंची जिसके लिए घर से कार्यालय तक तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ा। यही नहीं कार्यालय में भी उसे इधर-उधर टहलाया गया, जिसके बाद पति को अपनी पीठ पर लादकर इधर-उधर भटकना पड़ा। इस बीच का मंजर देख कार्यालय में किसी भी कर्मचारी ने महिला तक व्हील चेयर पहुंचाना उचित नहीं समझा क्योंकि व्हीलचेयर अंदर रखी होती है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र से पहुंचे गरीब अनपढ़ लोग इधर-उधर भटकते देखे जाते हैं। उस दिन भी बाहर व्हील चेयर की व्यवस्था नहीं थी। यदि होती तो उसे इस प्रकार से परेशान न होना पड़ता।

रिंकी ने सीएमओ ऑफिस में सुधार की मांग उठाई
इस मामले पर जब थाना हरचंदपुर क्षेत्र देदौर की रहने वाली रिंकी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह सोमवार को पति का दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने के लिये सीएमओ कार्यालय आई हुई थी। व्हील चेयर की कोई व्यवस्था न होने के कारण उसे मजबूरी में पति को पीठ पर लादकर इधर से उधर जाना पड़ा। वह चाहती हैं कि सीएमओ ऑफिस में उसके पति का दिव्यांग प्रमाण पत्र बन जाए और यहाँ जो भी अव्यवस्था है उसमें सुधार किया जाए ताकि यहाँ दिव्यांग को सुविधा मिल सके।

कार्यालय में व्हीलचेयर की व्यवस्था है यह कहकर सीएमओ ने पल्ला झाड़ा
सीएमओ डॉ नरेश चन्द्रा मीडिया को दिए जवाब में यह कहकर पल्ला झाड़ लिया की कार्यालय में व्हीलचेयर की व्यवस्था है, साहब की माने तो सोमवार को एक महिला अपने पति का दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने के लिए सीएमओ ऑफिस आई थी। सीएमओ ऑफिस में दिव्यांग प्रमाण पत्र कार्यालय के बाहर व्हीलचेयर की सुविधा दी गई है।

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