Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 01 Jun, 2020 10:21 PM

संकट की घड़ी हो या खुशी की ईश्वर भक्त का साथ कभी नहीं छोड़ते। इसी क्रम में कोरोना संकट के बीच धर्म की नगरी में लोग काशी के कोतवाल बाबा भैरव को कोरोना से बचाव के लिए अपना-अपना पत्र लिख...
वाराणसीः संकट की घड़ी हो या खुशी की ईश्वर भक्त का साथ कभी नहीं छोड़ते। इसी क्रम में कोरोना संकट के बीच धर्म की नगरी में लोग काशी के कोतवाल बाबा भैरव को कोरोना से बचाव के लिए अपना-अपना पत्र लिख रहे हैं। लोग बाबा से कोरोना के खात्मे के लिए गुहार लगाते हुए अपना एप्लीकेशन दरबार में देकर आ रहे हैं। कपाट भले ही बंद हो मगर हर आवेदक को ये पूर्ण विश्वास है कि उसका पत्र बाबा जरुर पढ़ेंगे और कोरोना संकट का खात्मा करेंगे।
काशी के कोतवाल हैं बाबा भैरव
बता दें कि शिवनगरी काशी के मैदागिन क्षेत्र की संकरी गली में स्थित बाबा काल भैरव का मंदिर विश्व विख्यात है। इन्हें काशी का कोतवाल भी कहा जाता है। लेकिन पिछले दो महीने से लॉकडाउन की वजह से इस मंदिर के बाहर ताला लटका हुआ है। भक्त बाहर से ही अपनी हाजिरी लगा के जा रहे हैं। सभी निराशा से यहां आते हैं और आशा लेकर जाते हैं।
कपाट पर छोड़ जाते हैं अपनी अर्जी
मन्दिर के महंत सुमित महाराज का ने बताया कि बाबा काल भैरव के मंदिर में अगर अपना एप्लिकेशन यानी अर्जी दी जाए तो काल भैरव उस अर्जी को पढ़ कर पीड़ित भक्तों का कष्ट दूर करते हैं। लॉकडाउन के कारण मन्दिर भले ही बन्द है लेकिन भक्त हर रोज अपनी अर्जियां लेकर इस बन्द कपाट के द्वार पर ही रख जाते हैं। हर दिन सैकड़ों भक्त यहां आते हैं।
प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में आते हैं श्रद्धालु
उन्होंने बताया कि हर दिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं और अपना एप्लीकेशन बाबा को द्वार पर ही देकर चले जाते हैं। उनमें अलग-अलग तरीके की अर्जियां शामिल हैं। किसी ने अपनी शादी का न्योता दिया है तो कोई अपनी पीड़ा लिख के डाला है। लेकिन सबसे ज्यादा पत्र मिले हैं इस कोविड 19 को खत्म करने के लिए। सभी अपना कष्ट बाबा तक पहुंचाते हैं। धर्म नगरी में काशी के कोतवाल के प्रति ये लोगों की आस्था ही है जो इस महामारी में भी कम नहीं हुई और मंदिर बन्द होने के बावजूद बाबा के भक्तों ने अपनी अर्जियां देना चालू रखा है। इस उम्मीद में कि इस महामारी से काशी समेत दुनिया को बाबा जरूर जीत दिलाएंगे।