पूर्व MLA राजू पाल हत्याकांड मामले में CBI ने अतीक अहमद के खिलाफ आरोप किए तय, 3 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

Edited By Ramkesh,Updated: 20 Oct, 2022 04:57 PM

cbi frames charges against atiq ahmed in former mla raju pal murder case

बसपा (BSP) के पूर्व विधायक राजू पाल की हत्या के आरोपी अतीक अहमद पर CBI की  विशेष अदालत ने आरोप तय कर दिए हैं। कोर्ट ने अगली तारीख तीन नवम्बर को तय की है। अतीक ने इस दौरान मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ईमानदार...

लखनऊ:  बसपा (BSP) के पूर्व विधायक राजू पाल की हत्या के आरोपी अतीक अहमद पर CBI की  विशेष अदालत ने आरोप तय कर दिए हैं। कोर्ट ने अगली तारीख तीन नवम्बर को तय की है। अतीक ने इस दौरान मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ईमानदार मुख्यमंत्री हैं। बता दें कि माफिया साबरमती जेल की जेल में बंद है। आज उत्तर प्रदेश पुलिस माफिया को CBI की  विशेष अदालत पेश किया। बता दें कि माफिया अतीक अहमद उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जनपद के रहने वाले है।  हाई स्कूल में फेल हो जाने के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। कई माफियाओं की तरह ही अतीक अहमद ने भी जुर्म की दुनिया से सियासत की दुनिया का रुख किया था। पूर्वांचल और इलाहाबाद में सरकारी ठेकेदारी, खनन और उगाही के कई मामलों में लिप्त हो गया।


दर्जनभर से ज्यादा मुकदमे हैं दर्ज 
माफिया अतीक अहमद के खिलाफ  के खिलाफ लखनऊ, कौशाम्बी, चित्रकूट, इलाहाबाद ही नहीं बल्कि बिहार राज्य में भी हत्या, अपहरण, जबरन वसूली आदि के मामले दर्ज हैं।  अतीक के खिलाफ सबसे ज्यादा मामले इलाहाबाद जिले में ही दर्ज हुए। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार वर्ष 1986 से 2007 तक ही उसके खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा मामले केवल गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज किए गए। अतीक ने अपने हाथ को राजनीति की दुनिया में आजमाया वर्ष 1989 में पहली बार इलाहाबाद (पश्चिमी) विधानसभा सीट से विधायक बने अतीक अहमद ने 1991 और 1993 का चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ा और विधायक भी बने।  1996 में इसी सीट पर अतीक को समाजवादी पार्टी ने टिकट दिया और वह फिर से विधायक चुने गए।  

बसपा विधायक राजू पाल की हत्या का आरोप  
2007 में मायावती की सरकार बनी तो अतीक पर एक के बाद एक मुकदमे दर्ज होने लगे। इसी दौरान अतीक अहमद भूमिगत हो गए। 2004 के आम चुनाव में फूलपुर से सपा के टिकट पर अतीक अहमद सांसद बन गए थे।  इसके बाद इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट खाली हो गई थी,  इस सीट पर उपचुनाव हुआ।  सपा ने अतीक के छोटे भाई अशरफ को टिकट दिया था।  बसपा ने उसके सामने राजू पाल को खड़ा किया जिसमें राजू ने अशरफ को हरा दिया। उपचुनाव में जीत दर्ज कर पहली बार विधायक बने राजू पाल की कुछ महीने बाद 25 जनवरी, 2005 को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.। इस हत्याकांड में सीधे तौर पर सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ को आरोपी बनाया गया था। जिस में आज कोर्ट सजा सुनाएगा। 

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