उपचुनाव: रामपुर में दिख सकती है जया-डिपंल के बीच दिलचस्प जंग

Edited By Anil Kapoor,Updated: 16 Jul, 2019 07:57 PM

by election interesting war between jaya and deepan may appear in rampur

उत्तर प्रदेश की रामपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिपंल यादव और फिल्म अभिनेत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता जयाप्रदा के बीच दिलचस्प मुकाबले के आसार हैं। सपा विधायक मोहम्मद आज़म खान....

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की रामपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिपंल यादव और फिल्म अभिनेत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता जयाप्रदा के बीच दिलचस्प मुकाबले के आसार हैं। सपा विधायक मोहम्मद आज़म खान के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद रिक्त हुई रामपुर विधानसभा सीट पर कन्नौज की पूर्व सांसद डिपंल यादव के उतरने के कयास लगाए जा रहे हैं जबकि रामपुर संसदीय क्षेत्र से खान के हाथों पराजित हुई भाजपा की जयाप्रदा के उपचुनाव में शिरकत करने का अनुमान है।

सपा सूत्रों के मुताबिक खान ने रामपुर विधानसभा सीट पर 9 बार विजय पताका फहराई है और पार्टी किसी भी सूरत में इस सीट को खोना नहीं चाहेगी। इस लिए पार्टी के एक चर्चित और योग्य चेहरे को यहां से उम्मीदवार बनाए जाने पर गंभीरता से विचार कर रही है और इस फेहरिस्त में पहला नाम डिपंल का है। इस बारे में जल्द निर्णय लिया जाएगा।

सपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सपा और बसपा भले ही उपचुनाव में अलग अलग किस्मत आजमा रहे है लेकिन पार्टी को भरोसा है कि बसपा रामपुर से अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। ऐसी उम्मीद कांग्रेस से भी की जा रही है क्योंकि कांग्रेस भी मत विभाजन कर भाजपा का पक्ष मजबूत करना पसंद नहीं करेगी। सितंबर-अक्टूबर के बीच संभावित इस उपचुनाव के बारे में डिपंल यादव की उम्मीदवारी पर फैसला जल्द लिया जाएगा।

दूसरी ओर, भाजपा के खाते में रामपुर विधानसभा सीट कभी नहीं आई है लेकिन इस बार जयाप्रदा पार्टी के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरी है। खान से परास्त होने के बाद रामपुर का नियमित भ्रमण कर रही जयाप्रदा लोगों से संवाद करने में जुटी है और इसी बहाने सपा के किले में अपनी जमीन तैयार कर रही है। भाजपा में शामिल होने से पहले जयाप्रदा रामपुर लोकसभा सीट पर वर्ष 2004 और 2009 में विजय पताका फहरा चुकी है। खान 1980 से लगातार रामपुर के विधायक रहे है। वर्ष 1992 में सपा की स्थापना के बाद वह लगातार पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतते रहे हैं। खान के प्रभाव के चलते भाजपा के अलावा बसपा की भी रामपुर में जीत की तलाश पूरी नहीं हो सकी है।

इस बीच डिपंल यादव ने अपना करियर वर्ष 2009 में फिरोजाबाद उपचुनाव में हार के साथ शुरू किया था लेकिन कन्नौज में 2012 में हुये लोकसभा उपचुनाव में उन्हे जीत का स्वाद मिला जब उनके पति अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह सीट रिक्त हुई थी। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने अपनी सीट को सुरक्षित रखा था हालांकि पिछले संसदीय चुनाव में उन्हे भाजपा के सुब्रत पाठक के हाथों करीब 12 हजार वोटों से हार का मुंह देखना पडा था।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!