Edited By Anil Kapoor,Updated: 09 Oct, 2025 08:57 AM

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती और उनकी पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) एक बार फिर सक्रिय राजनीति में उतर आई है। आज बसपा संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस के मौके पर लखनऊ के कांशीराम स्मारक स्थल पर पार्टी बड़ी...
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती और उनकी पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) एक बार फिर सक्रिय राजनीति में उतर आई है। आज बसपा संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस के मौके पर लखनऊ के कांशीराम स्मारक स्थल पर पार्टी बड़ी रैली करने जा रही है।
रैली की खास बातें
बसपा का दावा है कि इस रैली में प्रदेश भर से 5 लाख से ज्यादा कार्यकर्ता शामिल होंगे। मायावती करीब 3 घंटे तक मंच पर मौजूद रहेंगी और कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगी। रैली को सफल बनाने के लिए पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी है।
मंच पर कौन-कौन होगा?
कार्यक्रम के मंच पर कुल 7 कुर्सियां लगाई गई हैं। मायावती के साथ मंच पर मौजूद रहेंगे आनंद कुमार (मायावती के भाई), आकाश आनंद (भतीजे और युवा चेहरा), सतीश चंद्र मिश्र (वरिष्ठ बसपा नेता) और अन्य प्रमुख पार्टी नेता, कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 9 बजे से होगी।
कार्यकर्ताओं के लिए विशेष इंतजाम
चारबाग रेलवे स्टेशन पर पार्टी ने पहली बार "कार्यकर्ता सहायता शिविर" लगाया है। यहां से आने वाले लोगों की मदद के लिए युवा कार्यकर्ता दिनभर मौजूद रहेंगे।
2021 की तरह इस बार भी वही तारीख, वही जगह
मायावती ने पिछली बार 9 अक्टूबर 2021 को भी कांशीराम स्मारक स्थल पर रैली की थी। तब कुछ ही महीनों बाद 2022 विधानसभा चुनाव थे, जिसमें बसपा को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी। इस बार फिर मायावती ने वही तारीख, वही स्थान और वैसा ही माहौल चुना है — साफ है कि ये रैली 2027 के चुनाव की तैयारी का हिस्सा है।
क्या है बसपा की रणनीति?
2022 के चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद बसपा लगातार कमजोर हो रही है। इस रैली के जरिए मायावती अपनी पार्टी की ताकत दिखाना चाहती हैं। कोर वोट बैंक (दलित, पिछड़े, मुस्लिम) को दोबारा पार्टी से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। मायावती चाहती हैं कि जनता उन्हें 2027 के विधानसभा चुनाव में एक मजबूत विकल्प के रूप में देखे।