बिकरू कांड: एनकाउंटर में ढेर अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे जेल से रिहा, बेटी को देखकर मां हुई भावुक

Edited By Ramkesh,Updated: 21 Jan, 2023 08:32 PM

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चर्चित बिकरू कांड (Bikeru case) एनकाउंटर में ढेर अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे (Khushi Dubey) को आज जेल से रिहा कर दिया गया है।  खुशी दुबे की रिहाई के बाद परिजनों ने खुशी जाहिर की है। वहीं बेटी को देखकर मां भावुक होकर रोने लगी। वहीं उनके परिवार ने कहा...

कानपुर: चर्चित बिकरू कांड (Bikeru case) एनकाउंटर में ढेर अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे (Khushi Dubey) को आज जेल से रिहा कर दिया गया है।  खुशी दुबे की रिहाई के बाद परिजनों ने खुशी जाहिर की है। वहीं बेटी को देखकर मां भावुक होकर रोने लगी। वहीं उनके परिवार ने कहा कि न्याय में समय लगा, लेकिन न्याय मिला है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने खुशी दुबे को पहले ही रिहाई दे चुकी थी। बाद में उसे रिहाई में बैंक मैनेजर और 2 थानेदार बांधा बन रहे थे। बाद में  खुशी दुबे ने सुप्रीम कोर्ट में की फिर शरण ली कोर्ट ने बैंक मैनेजर और 2 थानेदारों को कोर्ट ने तलब किया है। दरअसल इनकी रिपोर्ट नहीं लगने से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से जमानत मिलने के बाद भी खुशी दुबे 13 दिन से जेल में बंद है। इसी को लेकर खुशी के वकील ने कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर अब कोर्ट ने सख्त कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट नहीं भेजने वालों को तलब कर लिया है। आज खुशी दूबे जेल रिहा कर दी गई।

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जानिए क्या है पूरा मामला?
बता दें कि दो जुलाई 2022 की रात को कानपुर में विकास दुबे और उसके गैंग के साथ मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों की मृत्यु हो गई। इसमें एक पुलिस उपाधीक्षक भी शामिल थे। इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने चार जुलाई को चौबेपुर थाने के प्रभारी को निलंबित कर दिया। इसी दिन अधिकारियों की टीम ने गांव में पहुंचकर गैंगस्टर के घर को ढहाना शुरू कर दिया। पुलिस ने दुबे के साथी दया शंकर अग्निहोत्री को कल्याणपुर(कानपुर) से गिरफ्तार कर लिया। अग्निहोत्री को मुठभेड़ के बाद पांच जुलाई को तड़के गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने अग्निहोत्री के पैर में गोली मारी थी। उस पर 25 हजार रुपए का इनाम था।

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मुठभेड़ में विकास दुबे के दो गुर्गों पुलिस ने किया था ढेर
 नौ जुलाई को उत्तर प्रदेश में अलग-अलग मुठभेड़ों में विकास दुबे के दो गुर्गों को ढेर कर दिया गया। ये दोनों कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों के मारे जाने के मामले में वांछित थे। कार्तिकेय उर्फ प्रभात कानपुर में उस वक्त मारा गया, जब वह पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश कर रहा था। वहीं विकास दुबे के गैंग का एक और सदस्य प्रवीण उर्फ बौवा दुबे इटावा में मुठभेड़ में मारा गया।

विकास दुबे घटना का था मास्टरमाइंड
कानपुर में बरर क्षेत्र में पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे को मार गिराया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि उज्जैन से कानपुर ला रही पुलिस का वाहन बरर क्षेत्र के अंतर्गत कानपुर भौती मार्ग में पलट गया। हादसे के बाद भाग रहे विकास की पुलिस की गोली लगने से मृत्यु हो गई।

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