तीन तलाक पर आजम का बड़ा बयान, कहा- कुरान के अलावा हमें कोई भी कानून मान्य नहीं

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 27 Dec, 2018 03:26 PM

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समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान ने तीन तलाक पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि तीन तलाक बिल से मुसलमानों का कोई लेना देना नहीं है, जो लोग मुसलमान हैं वे कुरान और हदीस को मानते हैं। वह जानते हैं कि तलाक का पूरा प्रोसीजर कुरान में दिया हुआ...

लखनऊः समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान ने तीन तलाक पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि तीन तलाक बिल से मुसलमानों का कोई लेना देना नहीं है, जो लोग मुसलमान हैं वे कुरान और हदीस को मानते हैं। वह जानते हैं कि तलाक का पूरा प्रोसीजर कुरान में दिया हुआ है। ऐसे में हमारे लिए कुरान के उस प्रोसीजर के अलावा कोई भी कानून मान्य नहीं है।

आजम खान ने कहा कि जो लोग इस्लामिक शरह के ऐतबार के तहत तलाक नहीं लेते वो तलाक नहीं माना जाता। तलाक पर कानून बने या न बने अल्लाह के कानून से बड़ा कोई कानून नहीं है। तलाक के मामले में हिंदुस्तान ही नहीं पूरी दुनिया के मुसलमान कुरान के कानून को मानते हैं। सपा नेता ने कहा कि पहले सरकार उन महिलाओं को न्याय दिलाए। जिन्हें उनके शोहरों ने स्वीकार नहीं किया। उन्हें दिलाए जिन्हें गुजरात और अन्य जगह के दंगों में मार दिया था।

बता दें कि गुरुवार को लोकसभा में तीन तलाक का बिल पेश होना है, लेकिन हंगामे के चलते सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी गई है। लोकसभा में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह बिल किसी समुदाय, धर्म या मान्यता के खिलाफ नहीं है। यह बिल महिलाओं के अधिकारों और न्याय के बारे में हैं। तो वहीं विपक्ष ने इसका विरोध किया है। तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि हम भी तीन तलाक विधेयक को ज्वाइंट सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग करते हैं। पूरे विपक्ष की एक राय है।

बता दें कि इस प्रस्तावित कानून के तहत एक बार में 3 तलाक देना गैरकानूनी और अमान्य होगा और इसके लिए तीन साल तक की सजा हो सकती है। लोकसभा में पेश किए गए नए बिल के मुताबिक आरोपी को पुलिस जमानत नहीं दे सकेगी। मजिस्ट्रेट पीड़ित पत्नी का पक्ष सुनने के बाद वाजिब वजहों के आधार पर जमानत दे सकते हैं। उन्हें पति-पत्नी के बीच सुलह कराकर शादी बरकरार रखने का भी अधिकार होगा। इसके साथ ही बिल में ये भी बदलाव किया गया कि मुकदमे का फैसला होने तक बच्चा मां के संरक्षण में ही रहेगा। आरोपी को उसका भी गुजारा देना होगा। तीन तलाक का अपराध सिर्फ तभी संज्ञेय होगा जब पीड़ित पत्नी या उसके परिवार (मायके या ससुराल) के सदस्य एफआईआर दर्ज कराएं।



 

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