वैश्विक महामारी की इस संकट की घड़ी में औरैया की जनता को गेल और NTPC से मदद की आस

Edited By Ramkesh,Updated: 28 Apr, 2021 01:13 PM

auraiya s people hope for help from gail and ntpc

वैश्विक महामारी कोरोना के कारण मरीजों की संख्या में हुई बढ़ोत्तरी के बीच संक्रमितों की जान बचाने के लिए जिले के लोग देश की नवरत्न कंपनी गैस अथॉरिटी इंडिया लिमिटेड (गेल) पाता और नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) दिबियापुर से मदद की आस लगाये हुये...

औरैया: वैश्विक महामारी कोरोना के कारण मरीजों की संख्या में हुई बढ़ोत्तरी के बीच संक्रमितों की जान बचाने के लिए जिले के लोग देश की नवरत्न कंपनी गैस अथॉरिटी इंडिया लिमिटेड (गेल) पाता और नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) दिबियापुर से मदद की आस लगाये हुये हैं।  दिबियापुर क्षेत्र में कई किलोमीटर की एरिया में स्थापित गेल व एनटीपीसी जिले में अपने उत्पादन के माध्यम से एक बड़ी मुनाफा के साथ काम कर रही हैं। इन कंपनियों की सामाजिक जिम्मेदारी भी होती है जिसे निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) अर्थात कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के तहत व्यापारिक और औद्योगिक कंपनियों द्वारा अपनाया गया स्व-नियमन है, जिसके अन्तर्गत वे ऐसे व्यापारिक मॉडल के अनुसार काम करतीं हैं जो कानून, नैतिक मानकों एवं अन्तरराष्ट्रीय रीति के अनुकूल हो। इसके अन्तर्गत कंपनी द्वारा कुछ ऐसे कार्य किये जाते हैं जो पर्यावरण, आम जनता, उपभोक्ता, कर्मचारी तथा अंशधारियों पर सकारात्मक प्रभाव डाले।

अभी तक उक्त कंपनियां सीएसआर के माध्यम से करोड़ों रूपए के बजट को आसपास के क्षेत्र में विकास कराने के साथ विद्यालयों के साथ-साथ अन्य सामाजिक कार्यो पर इस धनराशि का व्यय करतीं रहीं हैं। पिछले वर्ष आये कोरोना के पहले स्ट्रेन के समय दोनों कंपनियों ने जिला प्रशासन को एक मुश्त धनराशि प्रदान करने के साथ स्वास्थ्य विभाग को व्यापक मात्रा में स्वास्थ्य सामग्री उपलब्ध कराने के साथ गांवों में कैम्प लगाकर इन कंपनियों के अधिकारियों ने स्वयं भी वितरित की थीं मगर कोरोना के दूसरे खतरनाक/जानलेवा स्ट्रेन जिसमें पहले के मुकाबले ज्यादा लोग संक्रमित हो रहे हैं और कई गुना ज्यादा मौतें हो रहीं हैं और जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं (स्वास्थ्य उपकरण, दवाईयां व अन्य स्वास्थ्य सामग्री) का अभाव भी दिख रहा है।   ऐसे में इस बार दोनों कंपनियों का सीएसआर के माध्यम से सहयोग के लिए आगे आने के बजाय एक तरह से आंख बंद कर मूकदर्शक बन जाने से जिले का प्रत्येक नागरिक हैरान व परेशान है। जबकि कंपनियों में काम करने वाले कई अधिकारी व कर्मचारी खुद जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।

जिले के तमाम जागरूक नागरिकों, बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों व पत्रकारों ने इस बार आये कोरोना के जानलेवा स्ट्रेन के दौरान जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को सीएसआर के माध्यम से सुद्दढ़ बनाने के लिए आगे न आने के लिए दोनों कंपनियों के प्रति अफसोस व आक्रोश जाहिर किया है साथ ही मांग की है कि जिले के नागरिकों की जान बचाने और उनकी जीवन रेखा को लम्बा करने के लिए दोनों कंपनियां सीएसआर की समस्त धनराशि स्वास्थ्य सुविधाओं की बढ़ोत्तरी के लिये जिला प्रशासन के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग को सौंप दे। उन्होंने कहा कि जिले में अपना उत्पादन कर दोनों कंपनियां एक बड़ी धनराशि कमा रहीं हैं जबकि उनसे निकलने वाले प्रदूषण से हम नागरिकों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है जिसे हम लोग झेलते हैं। ऐसे में इन कंपनियों की जो सीएसआर धनराशि है उसे जिले की आम जनता के हितों पर ही व्यय किया जाना चाहिए और वर्तमान में जनता स्वास्थ्य सुविधाओं की पर्याप्त अनुपलब्धता के चलते परेशान और अपने जीवन के लिए चिंतित है, इसलिए दोनों कंपनियां सीएसआर की पूरी धनराशि तत्काल जिला प्रशासन को उपलब्ध करा दे जिससे जिले के अस्पतालों में कोविड फैसिलिटी को बढ़ा कर कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के साथ संक्रमित मरीजों की जान बचाकर उनकी जीवन रेखा को लम्बा किया जा सके।

क्षेत्रीय लोगों ने मांग करते हुए कहा कि यदि कंपनियों के महाप्रबंधक इस महामारी से निपटने व स्वास्थ्य सुविधाओं को सीएसआर की धनराशि की मदद से सुद्दढ़ बनाने को आगे नहीं आते हैं तो जिले के नागरिकों की जान बचाने के लिए रात-दिन कार्य करने वाले जिलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा स्वयं दखल व आदेश देकर इस धनराशि को मंगवा कर जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुद्दढ़ बनाने का प्रयास करें जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति आम नागरिकों के मन में जो भय समा गया है वो दूर हो सके।
 

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