Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 21 Aug, 2021 12:33 PM

उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने कथित धर्मांतरण रैकेट में शामिल गिरोह के छह सदस्यों के खिलाफ बृहस्पतिवार को एटीएस की विशेष अदालत में आरोप पत्र...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने कथित धर्मांतरण रैकेट में शामिल गिरोह के छह सदस्यों के खिलाफ बृहस्पतिवार को एटीएस की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया, ‘‘धर्मांतरण के रैकेट का खुलासा किया गया था जिसके तहत कुल दस व्यक्ति गिरफ़्तार किये गये थे। उन दस में छह व्यक्तियों के विरूद्ध संबंधित धाराओं में आरोप पत्र बृहस्पतिवार, 19 अगस्त को एटीएस अदालत में दाखिल किया गया।’’
उन्होंने बताया कि जो अभियुक्त गिरफ़्तार किये गये हैं और जिनके विरूद्ध आरोप पत्र दाखिल किया गया है उनके नाम उमर गौतम, जहांगीर आलम, मन्नू यादव, राहुल भोला, इरफान शेख और सलाहुद्दीन हैं। एडीजी ने बताया, ''इन अभियुक्तों के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर यह तथ्य प्रमाणित हुए हैं कि इनके द्वारा वृहद आपराधिक षडयंत्र के तहत देशव्यापी अवैध धर्मांतरण गिरोह का संचालन किया जा रहा है और जिसके तार अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी जुड़े हैं।
उन्होंने कहा, ''इस धर्मांतरण गिरोह द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर लोगों, महिलाओं और दिव्यांगजनों, विशेषकर मूक बधिर लोगों को बहला फुसलाकर, भयभीत कर तथा नाजायज दबाव आदि डालकर उनकी इच्छा के विरूद्ध विद्वेषपूर्ण ढंग से धर्मांतरण कराया जा रहा है। इस प्रकार धर्मांतरित व्यक्ति को कट्टर विचारधारा से जोड़कर उसे श्रृंखलाबद्ध तरीके से उसके मूल धर्म से अन्य लोगों, मित्रों और रिश्तेदारों के धर्मांतरण की जिम्मेदारी भी दी जाती है।'' प्रशांत कुमार ने कहा, ''धर्मांतरित व्यक्ति किसी भी दशा में मूल धर्म में वापस ना जाने पाए इसके लिए समय-समय पर कार्यशाला तथा अवैध धर्मांतरण कराये जाने के लिए नियमित रूप से प्रशिक्षित किया जाता है। अभियुक्तों की इस अवैध धर्मांतरण की कार्यवाही से विभिन्न धर्मों के बीच आपसी वैमनस्य और कटुता बढ़ी है।
गौरतलब है कि जून में यूपी एटीएस ने विदेशी फंडिंग के जरिए चलाए जा रहे धर्मांतरण रैकेट में शामिल एक गिरोह का भंडाफोड़ किया था। उस वक्त एटीएस ने दावा किया था कि गिरोह के सदस्य लोगों को कट्टरपंथी बना रहे और देश में धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी पैदा करने के लिए उनका इस्तेमाल कर रहे थे। इस संबंध में उत्तर प्रदेश के धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत लखनऊ के एटीएस पुलिस थाना में मुफ्ती काजी, उमर गौतम और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।