Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 08 Mar, 2021 10:05 AM
पूर्व केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा है कि सही मायने में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत हमें अपने घर से करनी होगी तभी व्यवस्था परिवर्तन का सपना साकार...
लखनऊ: पूर्व केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा है कि सही मायने में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत हमें अपने घर से करनी होगी तभी व्यवस्था परिवर्तन का सपना साकार होगा। अनुप्रिया ने दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित पार्टी की एक बैठक में कहा ''अगर हम सही मायने में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाना चाहते हैं और बदलाव लाना चाहते हैं तो सबसे पहले इसकी शुरूआत हमें अपने घरों से करनी होगी।
बेटों के लिए लक्ष्मण रेखा क्यों नहीं?
उन्होंने कहा कि हमें अपने घर की माताएं, बहनें, पत्नी का सम्मान करना होगा। यहां तक कि हमें घर में काम करने वाली नौकरानी को भी सम्मान देना होगा, तभी व्यवस्था परिवर्तन का सपना साकार होगा।''अपना दल—सोनेलाल की अध्यक्ष और पूर्व केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने कहा ''हम केवल बेटियों के लिए ही लक्ष्मण रेखा की बात क्यों करते हैं। हम बेटों के लिए लक्ष्मण रेखा क्यों नहीं खींचते। बेटियों के सम्मान और सुरक्षा के लिए हमें बेटों को छोटी उम्र से ही महिलाओं के प्रति सम्मान, संयम का पाठ पढ़ाना होगा। तभी सही मायने में हर जगह बेटियां सुरक्षित होंगी।
खत्म होना चाहिए लिंग के आधार पर भेदभाव
अनुप्रिया ने कहा,‘‘ महिलाएं पुरुषों से किसी भी मायने में कम नहीं हैं। बस उन्हें अवसर मिलने की जरूरत है। अवसर मिलते ही महिलाएं सफलता का झंडा बुलंद कर देती हैं। आज महिलाएं पुरुषों के बराबर काम कर रही हैं। महिलाएं स्वावलंबी हो रही हैं। हालांकि अभी भी लिंग के आधार पर महिलाओं के साथ होने वाला पक्षपात पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है।’’