Edited By Anil Kapoor,Updated: 28 Aug, 2024 08:21 AM
Lucknow News:उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के 8 स्टेशनों का नाम बदलकर मंगलवार को आधिकारिक तौर पर संतों और स्वतंत्रता सेनानियों तथा स्थानीय आश्रमों के नाम पर रख दिया गया। समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने स्टेशनों के नाम बदले जाने पर तंज ....
Lucknow News:(अश्वनी कुमार सिंह) उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के 8 स्टेशनों का नाम बदलकर मंगलवार को आधिकारिक तौर पर संतों और स्वतंत्रता सेनानियों तथा स्थानीय आश्रमों के नाम पर रख दिया गया। समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने स्टेशनों के नाम बदले जाने पर तंज किया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस कदम पर तंज करते हुए 'एक्स' पर कहा कि भाजपा सरकार से आग्रह है कि रेलवे स्टेशनों के सिर्फ़ ‘नाम' नहीं, हालात भी बदलें। … और जब नाम बदलने से फ़ुरसत मिल जाएं तो रिकार्ड कायम करते रेल-एक्सीडेंट्स के हादसों के रोकथाम के लिए भी कुछ समय निकालकर विचार करें।"
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को उत्तर रेलवे द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि कासिमपुर हाल्ट अब जायस सिटी के नाम से जाना जाएगा। इसके अलावा जायस को गुरु गोरखनाथ धाम, मिसरौली को मां कालिकन धाम, बनी को स्वामी परमहंस, निहालगढ़ को महाराजा बिजली पासी, अकबरगंज को मां अहोरवा भवानी धाम, वारिसगंज को अमर शहीद भाले सुल्तान और फुरसतगंज को तपेश्वरनाथ धाम के नाम से जाना जाएगा। अमेठी की पूर्व सांसद स्मृति ईरानी द्वारा सांस्कृतिक पहचान और विरासत को संरक्षित करने की मांग के बाद स्टेशनों के नाम बदले गये हैं। ईरानी ने मार्च में सोशल मीडिया पर नाम बदलने की घोषणा की थी।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कासिमपुर हाल्ट रेलवे स्टेशन का नाम कासिमपुर गांव के नाम पर रखा गया है, जो स्टेशन से काफी दूर है, इसलिए इसका नाम जायस सिटी रखने का प्रस्ताव किया गया। चूंकि प्रमुख गुरु गोरखनाथ धाम आश्रम जायस रेलवे स्टेशन के पास है इसलिए यह प्रस्ताव रखा गया कि स्टेशन का नाम बदलकर आश्रम के नाम पर रखा जाए। उन्होंने बताया कि मिश्रौली, बनी, अकबरगंज और फुरसतगंज रेलवे स्टेशनों के पास भगवान शिव और देवी काली के कई मंदिर हैं, इसलिए उनका नाम बदलकर क्रमशः मां कालीकरण धाम, स्वामी परमहंस, मां अहोरवा भवानी धाम और तपेश्वरनाथ धाम रेलवे स्टेशन रखा गया है।
इसी तरह चूंकि निहालगढ़ रेलवे स्टेशन क्षेत्र पासी समुदाय का है, जो ज्यादातर बेर की खेती करने वाले किसान हैं, इसलिए इसका नाम बदलकर महाराजा बिजली पासी के नाम पर रखा गया है। अधिकारी ने बताया कि वारिसगंज रेलवे स्टेशन क्षेत्र भाले सुल्तान की बहादुरी के लिए जाना जाता है, जो 1857 में ब्रिटिश राज के खिलाफ लड़ने वाले ठाकुर व्यक्ति थे। इसलिए स्टेशन का नाम बदलकर अमर शहीद भाले सुल्तान रेलवे स्टेशन रखने का फैसला किया गया है।