Edited By Deepika Rajput,Updated: 09 Nov, 2019 12:40 PM
अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का सपना बीजेपी के नेता एल के आडवाणी, विश्व हिंदू के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल और रामजन्मभूमि न्याय के अध्यक्ष रामचंद्र परमहंस दास ने देखा था, लेकिन अपने सपने को पूरा देखते देखने में अब दो लोग जीवित नहीं हैं।
लखनऊ: अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का सपना बीजेपी के नेता एल के आडवाणी, विश्व हिंदू के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल और रामजन्मभूमि न्याय के अध्यक्ष रामचंद्र परमहंस दास ने देखा था, लेकिन अपने सपने को पूरा होते हुए देखने में अब 2 लोग जीवित नहीं हैं। सिंघल ने इसके लिए अयोध्या में कारसेवकपुरम की स्थापना की थी, जहां सालों तक मंदिर के लिए पत्थर तराशे जाते रहे। यह काम बंद नहीं हुआ और लगातार जारी रहा।
कारसेवकपुरम में मंदिर का मॉडल भी रखा गया है। अयोध्या में टाट में रामलला के दर्शन करने वाले लोगों के लिए भी कारसेवकपुरम आस्था और आकर्षण का केंद्र है। रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष रामचंद्र परमहंस दास कई सालों तक मुकदमा लड़ते रहे। उन्होंनें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में शिला पूजन भी किया। दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष की ओर से हामिद अंसारी मुकदमा लड़ रहे थे। दोनों के बीच अच्छी दोस्ती थी और अदालत में सुनवाई के दौरान दोनों एक साथ रिक्शे से जाते थे।
आडवाणी ने राम मंदिर के आंदोलन को धार देने के लिए 25 सितंबर, 1990 को सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा शुरू की। इस यात्रा को अपार जन समर्थन मिला, लेकिन बिहार के समस्तीपुर में उन्हें 23 अक्तूबर, 1990 को गिरफ्तार कर लिया गया। बिहार में उस वक्त लालू प्रसाद यादव मुख्यमंत्री थे। अब मंदिर का सपना देखने वाले में आडवाणी ही जीवित हैं और उनका ये सपना पूरा होता दिख रहा है।