नाबालिग से दुष्कर्म और गर्भपात कराने के मामले में बड़ा फैसला, दोषी युवक को अदालत ने 20 वर्ष की सुनाई सजा

Edited By Ramkesh,Updated: 12 Dec, 2025 07:08 PM

a major verdict in the case of rape and abortion of a minor

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले की एक विशेष अदालत ने करीब एक साल पहले एक नाबालिग किशोरी के साथ कई बार दुष्कर्म करने और उसके गर्भवती होने पर गर्भपात कराने के आरोपी युवक को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई और 50 हजार रुपये का...

सोनभद्र: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले की एक विशेष अदालत ने करीब एक साल पहले एक नाबालिग किशोरी के साथ कई बार दुष्कर्म करने और उसके गर्भवती होने पर गर्भपात कराने के आरोपी युवक को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई और 50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। एक सरकारी अधिवक्ता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

 शासकीय अधिवक्ता नीरज सिंह ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम) अमित वीर सिंह की अदालत ने शुक्रवार को नाबालिग किशोरी से दुष्कर्म करने और गर्भवती होने पर उसका गर्भपात कराने के आरोपी जुल्फिकार उर्फ कल्लू (20) को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई और 50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया।

उन्‍होंने कहा कि अर्थदंड अदा नहीं करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा का न्यायालय ने आदेश दिया। अर्थदंड की राशि में से 40,000 रुपया पीड़िता को दिए जाने का आदेश दिया गया तथा उक्त प्रकरण में न्यायालय ने तीन अन्य आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया। घटना के संदर्भ में सिंह ने बताया कि घोरावल थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी एक व्यक्ति ने 23 सितंबर 2024 को घोरावल थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया कि वह और उसकी पत्नी मजदूरी करते हैं तथा रोज बाज़ार चले जाते हैं। 

उन्होंने बताया कि उनकी अनुपस्थिति में उनकी 16 वर्षीया नाबालिग बेटी को बहला-फुसला कर जुल्फिकार उर्फ कल्लू विगत दो वर्षों से शारीरिक संबंध बना रहा था।  वादी ने पुलिस को बताया कि इस दौरान पीड़िता गर्भवती हो गई और तब 23 सितंबर 2024 को आरोपी पीड़िता को घर से लेकर गया और जबरदस्ती उसका गर्भपात करवा दिया।

तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी। विवेचना के दौरान पुलिस ने राजा, राजकुमार और आंचल मौर्या को भी आरोपी बनाते हुए अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात ज़ुल्फ़िकार को दोषी पाते हुए 20 वर्ष कारावास की सजा सुनाई तथा अन्य तीनों आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।

 

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